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भागलपुर, 5 जून।कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों के तहत मायागंज अस्पताल में बुधवार दोपहर कोरोना संदिग्ध मरीज के आने की स्थिति में इलाज व्यवस्था का मॉकड्रिल किया गया। इस दौरान अस्पताल परिसर में इमरजेंसी जैसे हालात बन गए और पूरा मेडिकल स्टाफ सतर्क दिखा।

दोपहर 12 बजे जैसे ही कोरोना का एक संदिग्ध मरीज अस्पताल पहुंचा, तुरंत पीपीई किट पहने ट्रॉलीमैन ने मरीज को ट्रॉली पर लिटाया और सीधे फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल की ओर रवाना हुए। वहां डॉ. ओबेद अली ने मरीज से गैलरी में ही समस्या जानी। मरीज ने सांस लेने में परेशानी की शिकायत की।

इसके बाद पीओडी डॉ. कुमार सौरभ ने मरीज की नब्ज जांची और कोरोना वार्ड भेजने का निर्णय लिया। कोरोना वार्ड में नर्सों ने मरीज का बीपी, पल्स, तापमान और ऑक्सीजन लेवल मापा। इसके बाद लैब टेक्नीशियन ने आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लिया, जिसे मेडिकल कॉलेज की लैब भेजा गया।

पूरे अस्पताल में दिखी इमरजेंसी की स्थिति

मॉकड्रिल के दौरान पूरे अस्पताल में इमरजेंसी जैसी स्थिति रही। जो जहां था, वह काम छोड़कर सतर्क हो गया। चिकित्सकों, नर्सों और टेक्नीशियन का दल फौरन सक्रिय दिखा।

मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. राजकमल चौधरी के नेतृत्व में इस मॉकड्रिल को अंजाम दिया गया। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए समय-समय पर इस तरह की मॉकड्रिल आयोजित की जाती है, ताकि किसी आपात स्थिति में किसी प्रकार की चूक न हो।


 

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