
218 एकड़ क्षेत्र में फैली जैव विविधता वाली झील में वर्ष भर बना रहेगा जल, बाढ़ नियंत्रण में मिलेगी मदद
पटना, 04 जुलाईकटिहार जिले के मनिहारी प्रखंड अंतर्गत गोगाबील झील के समीप जल संसाधन विभाग द्वारा एंटी-फ्लड स्लूइस गेट के निर्माण की शुरुआत कर दी गई है। इस परियोजना पर 3.66 करोड़ रुपये की लागत प्रस्तावित है। इसका उद्देश्य झील की जलधारण क्षमता को संतुलित बनाए रखते हुए बाढ़ नियंत्रण और जैव विविधता संरक्षण को सुदृढ़ बनाना है।
प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध गोगाबील झील 218 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है और यह प्रदेश की प्रमुख आर्द्रभूमियों में से एक है। यह परियोजना पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रस्ताव के अनुरूप तैयार की गई है, जिसके तहत झील के जलनिकासी बिंदु पर स्लूइस गेट (जलद्वार) का निर्माण होगा।
इस स्लूइस गेट के माध्यम से झील में संतुलित जल का भंडारण सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे प्रवासी पक्षियों, जलीय जीव-जंतुओं और आस-पास के पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षण मिलेगा। साथ ही यह निर्माण साल भर झील में जल की उपलब्धता बनाए रखने में सहायक होगा, जिससे अतिरिक्त जल निकासी और बाढ़ के जोखिम में कमी आएगी।
जनवरी 2026 तक पूर्ण होने का लक्ष्य
इस परियोजना को जनवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके पूर्ण होने पर यह झील मनिहारी प्रखंड के ग्रामीणों के लिए भी लाभकारी साबित होगी, खासकर कृषि और पशुपालन जैसी आजीविका गतिविधियों के लिए।
गोगाबील: प्रवासी पक्षियों का प्रमुख आश्रय स्थल
गोगाबील झील बिहार का 15वां संरक्षित क्षेत्र है और यह 300 से अधिक प्रवासी पक्षियों की प्रजातियों का शीतकालीन गंतव्य है। इसमें साइबेरिया सहित कई देशों से पक्षी हर वर्ष आते हैं। यह क्षेत्र राज्य के वन्य जीवन और पारिस्थितिकी संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभर रहा है।