पटना। बिहार के निर्वाचन विभाग ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा के आरोपों का जवाब देते हुए साफ कहा है कि कांग्रेस की ओर से दी गई आपत्तियाँ निर्धारित प्रपत्र में दर्ज नहीं हैं। विभाग ने बताया कि जिला कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों द्वारा सौंपी गई शिकायतों को जिला निर्वाचन अधिकारी संबंधित निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ERO) को भेज रहे हैं ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
सुप्रीम कोर्ट का हवाला
रविवार को जारी विज्ञप्ति में विभाग ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त के अंतरिम आदेश में स्पष्ट किया था कि राजनीतिक दलों को यदि प्रारूप मतदाता सूची में किसी नाम को लेकर आपत्ति है तो उन्हें निर्धारित प्रारूप में ही सूचना देनी होगी।
कांग्रेस ने जताया था 89 लाख विसंगतियों का दावा
इससे पहले विभाग ने स्वीकार किया कि कांग्रेस के जिला अध्यक्षों ने पिछले 1–2 दिनों में बिहार के विभिन्न जिलों के निर्वाचन अधिकारियों को पत्र सौंपे हैं। इनमें करीब 89 लाख मतदाताओं के नाम काटे जाने का आरोप लगाया गया है। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा था कि पार्टी ने विभिन्न श्रेणियों में दावा-आपत्ति पेश किए हैं, लेकिन आयोग उन्हें गंभीरता से नहीं ले रहा।
विभाग का रुख
निर्वाचन विभाग ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या (89 लाख) में मतदाताओं के नाम काटने का निर्णय सिर्फ निर्धारित शपथ पत्र और तय प्रक्रिया के बाद ही लिया जा सकता है। विभाग ने यह भी माना कि यह संख्या काफी बड़ी है, इसलिए प्रत्येक दावे पर बारीकी से जांच के बाद ही फैसला होगा।


