भागलपुर, 28 जून 2025: विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला 2025 की तैयारी को लेकर मुख्य सचिव, बिहार श्री अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न जिलों के अधिकारियों एवं विभागीय प्रतिनिधियों से श्रावणी मेला की तैयारियों की विस्तृत जानकारी ली गई।
बैठक में बताया गया कि श्रावणी मेला के दौरान भागलपुर, बांका, मुंगेर, बेगूसराय, पूर्णिया, जमुई, मधुबनी, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सारण, मुजफ्फरपुर, रोहतास एवं जहानाबाद जिलों से होकर श्रद्धालु जल यात्रा करते हैं। इनमें सुलतानगंज (भागलपुर) से जल लेकर देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में जलाभिषेक करने की परंपरा है। वहीं कुछ श्रद्धालु पहलेजा से जल लेकर बाबा गरीबनाथ मंदिर, मुजफ्फरपुर में जल चढ़ाते हैं।
तैयारियां अंतिम चरण में
भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि जिले में सभी आवश्यक तैयारियां 30 जून तक पूरी कर ली जाएंगी। सुलतानगंज के जहाज घाट और सीढ़ी घाट पर साफ-सफाई, सुरक्षा, बैरिकेडिंग, गोताखोरों की तैनाती, एवं घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
कांवरिया पथ पर विशेष ध्यान
कच्ची कांवरिया पथ पर बालू बिछाने और गर्मी से राहत के लिए हर दो घंटे पर पानी के छिड़काव की व्यवस्था रहेगी। पथ निर्माण विभाग द्वारा बताया गया कि बालू का भंडारण कर लिया गया है तथा 25 स्थलों पर पानी के टैंकर तैनात किए जाएंगे।
भीड़ और यातायात नियंत्रण हेतु सुरक्षा प्रबंध
एसएसपी श्री हृदय कांत ने बताया कि गुरुवार, रविवार और सोमवार को अधिक भीड़ रहने की संभावना है। पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती हेतु अनुरोध किया गया है, जो 45 दिनों तक जारी रह सकता है।
एसएसपी ने यह भी चेताया कि अन्य जिलों से आने वाले कुछ वाहनों में श्रद्धालुओं को ऊपर तक बैठा दिया जाता है, जिससे ऊंचाई बढ़ने के कारण बिजली के तारों से टकराने का खतरा रहता है। ऐसी घटनाएं पूर्व में भी हो चुकी हैं। इसे रोकने के लिए संबंधित जिलों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
सख्ती से लागू होंगे मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधान
मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक, बिहार ने सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे मोटर वाहन संगठनों के साथ बैठक कर श्रद्धालुओं को मोटर वाहन अधिनियम की धाराएं 184 और 191 के बारे में जागरूक करें। इन धाराओं के तहत नियम उल्लंघन पर ₹5000 से ₹10000 तक का जुर्माना और 6 माह से 2 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है।
