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पटना, 20 मई 2025: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को सचिवालय स्थित सभा कक्ष में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के डीएम और एसपी भी बैठक में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है, इसलिए सभी विभाग बाढ़ और सूखे की आशंका को ध्यान में रखते हुए पूरी सतर्कता और तैयारी के साथ कार्य करें। उन्होंने यह भी कहा कि 31 मई तक सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली जाएं और जिले के अधिकारी क्षेत्र में जाकर जमीनी हालात की समीक्षा करें।

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार जून में बारिश सामान्य से कम रह सकती है, जबकि जुलाई से सितंबर तक सामान्य बारिश की संभावना है। इसको देखते हुए राज्य सरकार ने बाढ़ और सूखे दोनों स्थितियों के लिए एडवांस प्लानिंग शुरू कर दी है।

प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि सभी जिलों को नाव, पॉलिथिन शीट, राहत सामग्री, दवा, पशु चारा, सामुदायिक रसोई और सूखा राशन पैकेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ आश्रय स्थलों और जिला आपातकालीन संचालन केंद्रों की तैयारियों की भी समीक्षा की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ या सुखाड़ की स्थिति में फसल क्षति के लिए किसानों की मदद, तटबंधों की मरम्मत, पीने के पानी और इलाज की व्यवस्था समय रहते पूरी कर ली जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर आपदा के समय खुद मैदान में उतरती है और स्थिति का एरियल सर्वे भी किया जाता है।

बैठक में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा समेत कई मंत्री, विभागीय सचिव, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य और वरीय अधिकारी उपस्थित थे।