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क्या जम्मू-कश्मीर को मिल सकता है पहला हिंदू सीएम? तीन चरणों की वोटिंग के बाद क्या कहते हैं आंकड़े

ByKumar Aditya

अक्टूबर 3, 2024
Jammu and Kashmir scaled

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने राजनीतिक दलों के भाग्य का फैसला कर दिया है। ये फैसले ईवीएम में कैद हैं। प्रदेश में तीन चरणों में हुई वोटिंग के बाद अब नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या जम्मू-कश्मीर को पहला हिंदू मुख्यमंत्री मिल सकता है?

दरअसल, आर्टिकल-370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। जम्मू-कश्मीर में तीनों चरणों में वोटिंग हुई। पहले चरण में 61.38 फीसदी, दूसरे चरण में 57.31 फीसदी और तीसरे चरण 66.56 फीसदी वोटिंग हुई है।

तीन चरणों की वोटिंग के आधार पर इस बार जम्मू कश्मीर की सियासत में जो माहौल बन रहा है, उसे लेकर कई बड़े दावे भी किए जा रहे हैं। इनमें से एक दावा यह है कि इस बार जम्मू-कश्मीर को पहला हिंदू मुख्यमंत्री मिल सकता है।

इस दावे के पीछे की वजह है, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दौरान हुई बयानबाजी। भाजपा ने चुनाव-प्रचार के दौरान खुले तौर पर यह कहा है कि इस बार प्रदेश में वह पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी और जम्मू-कश्मीर का नया मुख्यमंत्री जम्मू क्षेत्र से ही होगा।

जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव के इतिहास पर नजर डालें तो अब तक ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन इस बार हिंदू मुख्यमंत्री के नाम पर बल मिलने की वजह है, भाजपा की जम्मू रीजन की 43 सीटों पर फोकस करना। 90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 43 सीटें जम्मू क्षेत्र में आती है और यह इलाका हिंदू बहुल क्षेत्र है, जबकि कश्मीर घाटी में 47 सीटें आती हैं।

पिछले कुछ विधानसभा चुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर में त्रिशंकु परिणाम सामने आए। यहां सरकार तो बनी लेकिन हर बार सीएम पद पर कोई मुस्लिम शख्स ही बैठा। सीएम बनने वाले अधिकतर नेता घाटी से ही ताल्लुक रखते थे, लेकिन गुलाम नबी आजाद थे, जो जम्मू से ताल्लुक रखते थे।

साल 2014 में जम्मू-कश्मीर में अंतिम बार विधानसभा चुनाव हुए थे। इस चुनाव में भाजपा ने जम्मू क्षेत्र की 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा ने पीडीपी के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई थी। तब भाजपा को डिप्टी सीएम का पद मिला था।