
₹1853 करोड़ की लागत से 46.7 किलोमीटर लंबे NH-87 खंड का होगा चौड़ीकरण
दिनांक: 1 जुलाई 2025 | नई दिल्ली
भारत सरकार ने तमिलनाडु राज्य में परमकुडी से रामनाथपुरम तक के 46.7 किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग-87 (NH-87) खंड को 4-लेन में विकसित करने की परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह निर्माण ₹1,853.16 करोड़ की कुल लागत से Hybrid Annuity Mode (HAM) पर किया जाएगा।
वर्तमान में इस खंड की कनेक्टिविटी केवल 2-लेन वाले NH-87 और राज्य राजमार्गों पर निर्भर है, जिससे भारी ट्रैफिक और भीड़भाड़ की समस्या उत्पन्न होती है, विशेषकर मदुरै, परमकुडी, रामनाथपुरम, मंडपम, रामेश्वरम और धनुषकोडी जैसे मार्गों पर।
प्रमुख लाभ और उद्देश्य:
- भीड़भाड़ से राहत: दो-लेन से चार-लेन में परिवर्तन से ट्रैफिक का सुगम संचालन संभव होगा।
- सुरक्षा में सुधार: बेहतर सड़कीय ढांचा सड़क दुर्घटनाओं को कम करेगा।
- आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा: क्षेत्रीय व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक विकास को मिलेगा बल।
- पर्यटन को बढ़ावा: रामेश्वरम और धनुषकोडी जैसे धार्मिक स्थलों तक तेज और सुगम पहुंच।
प्रमुख विशेषताएं:
पैरामीटर | विवरण |
---|---|
परियोजना नाम | 4-लेन परमकुडी-रामनाथपुरम खंड |
मार्ग | मदुरै – धनुषकोडी कॉरिडोर (NH-87) |
लंबाई | 46.7 किमी |
कुल नागरिक निर्माण लागत | ₹997.63 करोड़ |
भूमि अधिग्रहण लागत | ₹340.94 करोड़ |
कुल पूंजीगत लागत | ₹1,853.16 करोड़ |
निर्माण मॉडल | Hybrid Annuity Mode (HAM) |
जुड़े हुए प्रमुख राजमार्ग | NH-38, NH-85, NH-36, NH-536, NH-32 |
राज्य राजमार्ग | SH-47, SH-29, SH-34 |
कनेक्टिविटी नोड्स | मदुरै एयरपोर्ट, रामनाद नेवल स्टेशन, मदुरै व रामेश्वरम रेलवे स्टेशन, पंबन व रामेश्वरम पोर्ट |
महत्वपूर्ण शहर/कस्बे | मदुरै, परमकुडी, रामनाथपुरम, रामेश्वरम |
रोजगार सृजन | 8.4 लाख मानव-दिवस (प्रत्यक्ष), 10.5 लाख (परोक्ष) |
FY-25 में अनुमानित AADT | 12,700 पैसेंजर कार यूनिट (PCU) |
क्षेत्रीय समावेशी विकास को मिलेगा बल
यह परियोजना तमिलनाडु के दक्षिणी क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी, साथ ही बुनियादी ढांचे, पर्यटन और व्यापार के नए द्वार खोलेगी। रेलवे, सड़क, बंदरगाह और हवाई अड्डों को जोड़ने वाली मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी इस परियोजना की एक प्रमुख विशेषता है।
नोट: इस परियोजना के पूरा होने के बाद, धार्मिक और औद्योगिक केंद्रों के बीच मजबूत कनेक्टिविटी स्थापित होगी, जिससे क्षेत्र में स्थायी और संतुलित विकास सुनिश्चित हो सकेगा।