भारतीय सेना की शक्ति और गौरव का प्रतीक बन चुकी ब्रह्मोस मिसाइल अब कला के माध्यम से भी देशवासियों के बीच पहुंच रही है। वाराणसी के गुलाबी मीनाकारी कारीगर और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कुंज बिहारी सिंह ने ब्रह्मोस मिसाइल का ऐसा मॉडल तैयार किया है, जिसकी पूरे देश से भारी मांग हो रही है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से मिली प्रेरणा
कारीगर कुंज बिहारी सिंह ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस मिसाइल की अहम भूमिका रही। इसी से प्रेरित होकर उन्होंने इस मिसाइल का मीनाकारी मॉडल बनाने की ठानी, जो आज देशभक्ति और कारीगरी का अनोखा संगम बन चुका है।
भारत-रूस की दोस्ती का प्रतीक
उन्होंने कहा, “ब्रह्मोस मिसाइल भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कावा नदी के नामों से बनी है। यह भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी का भी प्रतीक है।”
कला और देशभक्ति का अनूठा संगम
कुंज बिहारी सिंह द्वारा बनाए गए मॉडल की कीमत 10,000 से 25,000 रुपये तक है, जो आकार और डिज़ाइन के अनुसार तय होती है। इसमें सोने-चांदी के साथ चंदन तेल का भी इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह मॉडल और भी खास बनता है।
मांग के अनुसार टीम कर रही काम
उन्होंने बताया कि देशभर से 150 से ज्यादा ऑर्डर आ चुके हैं। सभी ऑर्डर एक महीने में पूरे करने के लिए उन्होंने 20 कारीगरों की टीम बनाई है। एक मॉडल बनाने में एक सप्ताह तक का समय लग सकता है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से सहयोग
कुंज बिहारी सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के सहयोग से स्थानीय कारीगरों को लगातार काम मिल रहा है। “हम सामरिक और आर्थिक दृष्टिकोण से एक मजबूत भारत की ओर बढ़ रहे हैं,” उन्होंने कहा।
वैश्विक मंच पर ब्रह्मोस की धमक
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद ब्रह्मोस की ताकत को दुनिया ने पहचाना है। कई देश भारत से इस मिसाइल को खरीदने की इच्छा जता चुके हैं। अब यह मिसाइल सिर्फ एक हथियार नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता और गौरव का प्रतीक बन चुकी है।