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पटना, 26 जून।बिहार सरकार गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अब और अधिक प्रभावी कदम उठा रही है। राज्य के थैलेसीमिया पीड़ित 350 मरीजों का बोनमैरो ट्रांसप्लांट कराया जाएगा। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बुधवार को एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।

इस पहल के तहत सीएमसी वेल्लोर के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया गया है, जिसके तहत मरीजों को उन्नत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

एचएलए मैचिंग के लिए दो प्रमुख अस्पतालों में लगेगा विशेष शिविर

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बोनमैरो ट्रांसप्लांट से पहले एचएलए (ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन) मैचिंग की स्क्रीनिंग अनिवार्य है। इसके लिए दो प्रमुख मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में शिविर आयोजित किए जा रहे हैं:

  • 4 जुलाई को मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में,
    जहां 200 मरीजों की जांच की जाएगी।
  • 5 जुलाई को पटना के पीएमसीएच में,
    जहां 150 मरीजों की स्क्रीनिंग की जाएगी।

एचएलए मैचिंग, थैलेसीमिया मरीजों के सिबलिंग (भाई-बहन) के साथ की जाएगी, ताकि सही डोनर की पहचान की जा सके।

क्या है थैलेसीमिया?

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन के उत्पादन को बाधित करता है। इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को बार-बार खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है। बोनमैरो ट्रांसप्लांट इस बीमारी के स्थायी उपचार का एक कारगर माध्यम है।

सरकारी खर्च पर होगा इलाज

मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि बोनमैरो ट्रांसप्लांट पूरी तरह राज्य सरकार के खर्च पर कराया जाएगा। यह पहल राज्य सरकार की गंभीर बीमारियों के खिलाफ सशक्त स्वास्थ्य नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।