LIVE EXIT POLL
🗳️ Axis My India: NDA 121–141 सीटें | महागठबंधन 98–118 सीटें | अन्य 4–8 सीटें
📊 Today’s Chanakya: NDA 130–150 सीटें | महागठबंधन 80–100 सीटें | अन्य 5–10 सीटें
🗳️ India TV–CNX: NDA 118–138 सीटें | महागठबंधन 95–115 सीटें | अन्य 3–6 सीटें
📈 ABP–C Voter: NDA 127 सीटें | महागठबंधन 105 सीटें | अन्य 11 सीटें
🗳️ Times Now–ETG: NDA 120–140 सीटें | महागठबंधन 90–110 सीटें | अन्य 5–8 सीटें
📊 TV9 Bharatvarsh–Polstrat: NDA 125–145 सीटें | महागठबंधन 85–105 सीटें | अन्य 4–6 सीटें
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पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। इस बार पार्टी ने ‘मिशन रिकवरी प्लान’ नाम से विशेष अभियान शुरू किया है, जिसका मकसद 2020 में हारी हुई सीटों पर दोबारा कब्जा जमाना है।

2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें 74 सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि, बाद में हुए उपचुनावों में कुढ़नी, रामगढ़ और तरारी जैसी सीटों पर पार्टी ने वापसी की थी। अब भाजपा की निगाह उन 36 सीटों पर है जहां 2020 में हार मिली थी।


दो चरणों में बनी रणनीति

पार्टी ने इन सीटों को दो चरणों में बांटकर अलग-अलग रणनीति तैयार की है।

पहले चरण की सीटों में — बैकुंठपुर, दरौली, सीवान, राघोपुर, गरखा, सोनपुर, कुढ़नी, मुजफ्फरपुर, बखरी, उजियारपुर, बक्सर, तरारी, शाहपुर, बख्तियारपुर, फतुहा, दानापुर, मनेर और बिक्रम शामिल हैं।

दूसरे चरण में — कल्याणपुर, भागलपुर, रजौली, हिसुआ, बोधगया, गुरुआ, औरंगाबाद, गोह, डिहरी, काराकाट, रामगढ़, मोहनिया, भभुआ, चैनपुर, जोकिहाट, बायसी, किशनगंज और अरवल सीटें शामिल हैं।


जातीय और सामाजिक समीकरण पर फोकस

भाजपा ने हर सीट पर बूथ स्तर तक सामाजिक समीकरणों की समीक्षा की है। खासकर उन जिलों में जहां 2020 में पार्टी का “संपूर्ण सफाया” हुआ था — जैसे औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर और बक्सर।

दिलचस्प बात यह है कि 2015 में कैमूर की चारों सीटें भाजपा के खाते में थीं, लेकिन 2020 में एक भी नहीं मिली। यही वजह है कि इस बार शाहाबाद और मगध क्षेत्र पार्टी के लिए प्राथमिक फोकस हैं।


पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा को मिला अहम रोल

भाजपा ने क्षेत्रीय लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए भोजपुरी स्टार पवन सिंह को प्रचार अभियान का चेहरा बनाया है। इसके साथ ही, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLM) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को मगध और शाहाबाद क्षेत्र में भाजपा की रणनीति में शामिल किया गया है। हाल ही में दिल्ली में भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े ने पवन सिंह और कुशवाहा की मुलाकात कराई थी, जिसे राजनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है।


माइक्रो प्लान से ‘रिक्लेम द लॉस्ट’ मिशन

पार्टी ने हर हारी सीट के लिए अलग-अलग माइक्रो-प्लान तैयार किया है — जिसमें पिछले उम्मीदवारों का प्रदर्शन, संगठन की ताकत, स्थानीय समीकरण और संभावित एनडीए तालमेल का विश्लेषण शामिल है। हालांकि सीट बंटवारा अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन भाजपा ने साफ कहा है कि चाहे सीट बदले या न बदले, हर क्षेत्र में संगठन के दम पर पूरी ताकत झोंकी जाएगी।


‘सेव द सीट्स’ और ‘रिक्लेम द लॉस्ट’ दोहरी रणनीति

रणनीतिकारों के मुताबिक, भाजपा ने चुनावी अभियान को दो हिस्सों में बांटा है –
‘सेव द सीट्स’ (जीती सीटें बचाओ) और ‘रिक्लेम द लॉस्ट’ (हारी सीटें वापस पाओ)। शाहाबाद और मगध की धरती इस बार भाजपा के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। पार्टी का लक्ष्य 2025 में बिहार की सत्ता में मजबूत वापसी करना है।


 

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