पटना, 8 जून। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के क्रियान्वयन में बिहार ने एक नई मिसाल कायम की है। राज्य ने देशभर में पहला स्थान प्राप्त करते हुए 92% से अधिक शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाकर पेपरलेस स्वास्थ्य सेवाओं का सफल मॉडल प्रस्तुत किया है।
राज्य में ओपीडी पंजीकरण का 92% से अधिक काम अब ऑनलाइन हो रहा है। मरीज ‘स्कैन एंड शेयर’ पहल के तहत स्वास्थ्य केंद्रों के प्रवेश द्वार पर लगे क्यूआर कोड स्कैन कर सीधे परामर्श के लिए पंजीकृत हो सकते हैं। इससे कागजी प्रक्रिया, लंबी कतारें और समय की बर्बादी समाप्त हो गई है।
अब सरकारी अस्पतालों में परामर्श, जांच और दवा वितरण की कुल प्रक्रिया का औसत समय घटकर सिर्फ 45 मिनट रह गया है, जो पहले 1 घंटे से भी अधिक था।
📌 कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से रियल-टाइम मॉनिटरिंग
राजधानी पटना स्थित अत्याधुनिक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से पूरे राज्य के जिला अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है। इससे त्वरित अलर्ट, निगरानी और स्वास्थ्य सेवाओं का प्रभावी संचालन सुनिश्चित किया जा रहा है। जिला स्तर पर भी कमांड सेंटर और डेटा एनालिटिक्स यूनिट्स की व्यवस्था की गई है, जिससे स्वास्थ्य आपात स्थितियों की त्वरित पहचान और प्रबंधन संभव हुआ है।
📌 मरीजों ने बताया — अब स्वास्थ्य सेवाएं अधिक सुविधाजनक
नालंदा जिले के सिलाव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा करने पहुँचे राष्ट्रीय मीडिया प्रतिनिधिमंडल से मरीजों ने बातचीत में बताया कि अब परामर्श और दवा लेने की प्रक्रिया बहुत आसान और सुविधाजनक हो गई है। पहले के मुकाबले अब अस्पताल में समय कम लगता है और रिपोर्ट व पर्ची डिजिटल रूप में मिल जाती है।
📌 ई-प्रिस्क्रिप्शन और डिजिटल रिकॉर्ड में भी बिहार नंबर-1
बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के सीईओ श्री शशांक शेखर सिन्हा ने जानकारी दी कि बिहार देश में सबसे अधिक ई-प्रिस्क्रिप्शन तैयार करने वाला राज्य भी बन गया है। इसके लिए राज्य को डिजिटल हेल्थ इंसेंटिव स्कीम के तहत केंद्र सरकार से सबसे अधिक प्रोत्साहन राशि भी मिली है।
उन्होंने कहा,
“बिहार ने डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर पर अपनाकर देश के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है। आने वाले दिनों में इस व्यवस्था को और मजबूत कर राज्य की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएंगी।”
📌 मुख्यमंत्री डिजिटल मिशन से मिली गति
मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन और ABDM के तहत प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल स्वरूप देने की सशक्त पहल की गई है। इसके परिणामस्वरूप आज बिहार ने डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं में देश का अग्रणी राज्य बनने की उपलब्धि हासिल की है।