पटना।बिहार सरकार ने राज्य के सभी नगर निगमों और नगर परिषदों में उपमहापौर और उपमुख्य पार्षदों को महापौर और मुख्य पार्षद के समकक्ष सुविधाएं देने का फैसला लिया है। नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।
अब क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी:
- सरकारी वाहन की सुविधा
- कार्यालय कक्ष, उपस्कर और कार्यालय सहायक (परिचारी)
- संबंधित जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित दर पर सुविधाएं दी जाएंगी
राज्य में कितने नगर निकाय:
- 19 नगर निगम
- 88 नगर परिषद
इन सभी निकायों में यह नई व्यवस्था लागू होगी।
मंत्री जिवेश कुमार का बयान:
नगर विकास मंत्री जिवेश कुमार ने कहा:
“उपमहापौरों की यह लंबे समय से मांग रही थी। महापौर की अनुपस्थिति में वे सारे कार्यभार संभालते हैं। ऐसे में सुविधाओं की अनुपलब्धता से कामकाज प्रभावित हो रहा था। अब उनके कामकाज में तेजी आएगी और योजनाओं की निगरानी व क्रियान्वयन बेहतर हो सकेगा।”
शहरीकरण को बढ़ावा देने की पहल
राज्य सरकार शहरीकरण को लेकर तेज़ी से काम कर रही है। नए नगर निकाय बनाए जा रहे हैं, क्षेत्रफल का विस्तार हो रहा है, और शहरी सुविधाओं का विकास प्राथमिकता में है। इस फैसले से जन प्रतिनिधियों को सशक्त कर, स्थानीय विकास की गति को बढ़ाने का प्रयास किया गया है।
प्रत्यक्ष चुनाव, बढ़ा दायित्व
अब महापौर और उपमहापौर का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा होता है। महापौर की अनुपस्थिति में उपमहापौर ही कार्यभार संभालते हैं, ऐसे में उन्हें संसाधन और सुविधाएं देना व्यवहारिक और आवश्यक निर्णय है।