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‘बिहार महिला एथलीट स्वास्थ्य एवं कल्याण नीति-2025’ पर देशभर के विशेषज्ञों ने दिए सुझाव

पटना, 04 जुलाई 2025।बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा महिला खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए एक ऐतिहासिक पहल की गई है। बिहार जल्द ही ऐसा पहला राज्य बन जाएगा, जो महिला खिलाड़ियों के लिए विशेष रूप से ‘महिला एथलीट स्वास्थ्य एवं कल्याण नीति’ लागू करेगा।

पाटलिपुत्र खेल परिसर, कंकड़बाग, पटना में शुक्रवार को इस नीति के ड्राफ्ट पर विशेषज्ञों और ओलंपिक खिलाड़ियों के साथ एक व्यापक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में देशभर से 30 से अधिक अनुभवी ओलंपियन, प्रशिक्षक, खेल वैज्ञानिक और विषय विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

नीति का उद्देश्य महिला खिलाड़ियों की खेल से जुड़ी शारीरिक, मानसिक और पोषण संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक समावेशी और व्यावहारिक ढांचा तैयार करना है।

प्रमुख उपस्थितियाँ:

इस कार्यक्रम में बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण, निदेशक रविंद्र नाथ चौधरी, पूर्व निदेशक संजय कुमार सिन्हा, उप निदेशक हिमांशु सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
अन्य प्रमुख प्रतिभागी:

  • ऑलंपियन तैराक माना पटेल
  • राज्य पुलिस अकादमी निदेशिका आर. मल्लार विज्जी
  • आईआईएम बोधगया निदेशिका डॉ. विनीता एस सहाय
  • आईटी उद्यमी हिमानी मिश्रा (ब्रांड रेडियेटर)
  • पूर्व TOPS CEO कमोडोर राजेश राजगोपालन
  • स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋतुराज
  • खेल मनोवैज्ञानिक डॉ. प्रिया
  • स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट मिहिरा
  • खेल विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. जाह्नवी दांडे
  • राजगीर स्पोर्ट्स अकादमी के सलाहकार गविन फरेरा
  • अन्य 30 से अधिक विशेषज्ञ व खिलाड़ी

नीति की आवश्यकता क्यों?

राज्य सरकार ने पाया कि खेल संरचनाएं अभी तक महिला खिलाड़ियों की विशिष्ट जरूरतों के अनुरूप नहीं हैं

  • 80% महिला खिलाड़ी मासिक धर्म के कारण प्रदर्शन पर प्रभाव महसूस करती हैं, लेकिन 10% से भी कम कोच से चर्चा करती हैं।
  • भारत में 82% महिला खिलाड़ी मानती हैं कि मासिक धर्म उनके प्रशिक्षण को प्रभावित करता है।
  • समुचित पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, और वैज्ञानिक प्रशिक्षण में अब भी बड़ी खामियाँ हैं।

नीति का लक्ष्य:

  • मासिक धर्म स्वास्थ्य, पोषण, मानसिक सशक्तिकरण और वैज्ञानिक प्रशिक्षण से संबंधित पहलुओं को केंद्र में रखकर महिला खिलाड़ियों को अधिक समर्थ बनाना।
  • स्थानीय स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक खिलाड़ियों की उपलब्धि और भागीदारी को बढ़ावा देना।

खेल विभाग की यह पहल सिर्फ एक नीति नहीं, बल्कि महिला खिलाड़ियों की प्रतिभा को सम्मान और समर्थन देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
बिहार सरकार का यह प्रयास राज्य को खेल क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक निर्णायक पहल के रूप में देखा जा रहा है।