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मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना से अव्यवहृत चौर भूमि में रोजगार का सृजन

पटना, 13 जून 2025।बिहार सरकार मत्स्य पालन के क्षेत्र में उद्यमिता और रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर प्रभावी पहल कर रही है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अंतर्गत मत्स्य निदेशालय द्वारा राज्य में बड़े पैमाने पर उपलब्ध निजी चौर भूमि को मत्स्य आधारित समेकित जलकृषि के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से मछली पालन के साथ कृषि, बागवानी और कृषि वानिकी को भी जोड़ा जा रहा है, जिससे ग्रामीण स्तर पर उत्पादन, उत्पादकता और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।

दो मॉडल में हो रहा है चौर विकास

इस योजना के तहत दो श्रेणियों में चौर विकास किया जा रहा है:

  • लाभुक आधारित चौर विकास
  • उद्यमी आधारित चौर विकास

एक हेक्टेयर रकबा में तालाब निर्माण और भूमि विकास के लिए विभिन्न लागत निर्धारित की गई है:

  • दो तालाब निर्माण: ₹8.88 लाख प्रति हेक्टेयर (इनपुट सहित)
  • चार तालाब निर्माण: ₹7.32 लाख प्रति हेक्टेयर (इनपुट सहित)
  • एक तालाब व भूमि विकास: ₹9.69 लाख प्रति हेक्टेयर (इनपुट सहित)

अनुदान की व्यवस्था

  • अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए 70% अनुदान
  • अन्य वर्गों के लिए 50% अनुदान
  • उद्यमी आधारित चौर विकास योजना के तहत 40% अनुदान

रोजगार और उद्यमिता को मिलेगा बढ़ावा

इस योजना का उद्देश्य अव्यवहृत चौर संसाधनों को मत्स्य पालन के उद्यम के रूप में विकसित करना और ग्रामीणों के लिए स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करना है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और स्थानीय स्तर पर मत्स्य उत्पादन में भी वृद्धि होगी।

अधिक जानकारी यहां लें

इच्छुक लाभार्थी अधिक जानकारी के लिए राजकीय वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.html या अपने जिला मत्स्य कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

यह पहल संपूर्ण बिहार में मत्स्य पालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और उद्यमिता को सशक्त करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।


 

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