
पटना। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने एक बार फिर चुनाव आयोग और सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ऐलान किया है कि 9 जुलाई को पूरे बिहार में सड़क और राज्य बंद किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग के कार्यालय के घेराव की भी चेतावनी दी है।
पप्पू यादव ने कहा,
“हम चुनाव आयोग के खिलाफ हाईकोर्ट जा रहे हैं, मामला दायर करेंगे। हम इस लड़ाई में कांग्रेस के साथ हैं। चुनाव आयोग आरएसएस का दफ्तर बन गया है। यह जनता के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है। अगर बिहार और बिहारी की अस्मिता की रक्षा के लिए जान भी देना पड़े, तो पीछे नहीं हटेंगे।”
BLO कर्मियों को लेकर पप्पू यादव का विवादित बयान
सांसद पप्पू यादव ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा,
“बिहार के दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, युवाओं से आग्रह है – BLO कर्मियों को प्रेम से रोकें। उन्हें चाय-पानी दें लेकिन कोई फॉर्म न भरने दें, न बांटने दें। उनके सारे फॉर्म अग्नि को समर्पित कर दें। वह हमारे अपने हैं, लेकिन सरकार के दबाव में हैं।”
उन्होंने BLO कर्मियों को “सरकारी जुल्म का शिकार” बताया और जनता से अपील की कि वे उन्हें “इस गुलामी की मानसिकता” से आज़ाद कराएं।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 24 जून 2025 को निर्वाचन आयोग ने बिहार में विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की घोषणा की थी। यह प्रक्रिया 25 जून से 26 जुलाई 2025 तक चल रही है, जिसके तहत मतदाता सूची को अद्यतन किया जा रहा है। प्रारंभिक निर्देशों में दस्तावेजों की अनिवार्यता को लेकर विवाद खड़ा हुआ था, जिसे बाद में आंशिक रूप से संशोधित किया गया।
राजनीतिक माहौल गरम
पप्पू यादव द्वारा चुनाव आयोग को लेकर दिए गए बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। एक ओर जहां वे मतदाता अधिकारों की रक्षा की बात कर रहे हैं, वहीं उनके बयानों को प्रशासनिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और उकसावे के रूप में भी देखा जा रहा है।
नोट: निर्वाचन आयोग ने SIR प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने का दावा किया है। लेकिन विपक्षी दल लगातार इसे जनमत को प्रभावित करने की साजिश बता रहे हैं। अब देखना यह होगा कि 9 जुलाई के बिहार बंद का राजनीतिक और प्रशासनिक असर कितना गहरा होता है।