राशन कार्ड में बड़ी अनियमितता, ई-केवाईसी के बाद 40 लाख नाम हटाए गए
बिहार में बड़ी संख्या में गरीबों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मुफ्त अनाज दिए जा रहे हैं. अगस्त 2024 में 89 लाख 39832 राशन कार्ड धारी ने खाद्यान्न का लाभ प्राप्त किया है. राज्य के अंदर 1.97 करोड़ परिवारों को राशन कार्ड उपलब्ध कराया गया है जिसमें 22.88 लाख राशन कार्ड अंत्योदय अन्न योजना के तहत दिया गया है. 1.74 करोड़ राशन कार्ड अन्य जरूरतमंदों को दिया गया है।
ई-केवाईसी कराना जरूरीः इस योजना में गड़बड़ी की भी शिकायत मिली है. बिहार में बड़ी संख्या में लोगों ने फर्जी आधार कार्ड और राशन कार्ड बनवा रखे हैं. विभाग ने इसकी जांच के लिए ईकेवाईसी शुरू किया. अबतक 40 लाख लोगों को चिन्हित कर उन्हें सूची से बाहर निकाला है. राशन कार्ड को आधार से जोड़ने के बाद गड़बड़ी सामने आई थी, जिसके बाद कार्यवाही की गई. बता दें कि ईकेवाईसी में लाभुक को कार्यालय में जाकर अपने अंगूठे से वेरीफाई कराना पड़ता है।
गलत आदमी का नाम हटाया जा रहाः खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव एन सरवणन ने कहा कि 95% राशन कार्ड में अंकित नाम को आधार कार्ड से जोड़ दिया गया है. 61% लोगों का ईकेवाईसी कर दिया गया है, बाकी लोगों का भी केवाईसी जल्द कर दिया जाएगा. ई केवाईसी करने के क्रम में 40 लाख लोगों का नाम राशन कार्ड से हटाया गया है. इसके साथ 55 लाख लोगों का नाम जोड़ा भी गया है. गलत आदमी का नाम लगातार हटाया जा रहा है।
“कोई व्यक्ति दिल्ली या महाराष्ट्र में अगर काम कर रहा है तो वहां से भी वह अनाज उठा सकता है. हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु को छोड़कर किसी भी राज्य में बिहार के लोग राशन उठा सकते हैं.”- एन सरवणन, खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव
कहीं से ले सकते हैं अनाज: खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि बिहार में 8 करोड़ 35 लाख लोगों को गुणवत्तापूर्ण अनाज दिया जा रहा है. राज्य के अंदर 50185 जन वितरण प्रणाली की दुकान कार्यरत है. बिहार राशन कार्ड धारी की संख्या एक करोड़ 97 लाख है. प्रत्येक लाभुक को 5 किलोग्राम अनाज निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें एक किलोग्राम गेहूं और 4 किलोग्राम चावल दिया जाता है. लाभुक किसी भी दुकान पर राशन ले सकते हैं. किसी एक दुकानदार पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है।
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