भागलपुर | 31 मई 2025: ‘स्मार्ट सिटी’ का सपना देख रहे भागलपुर में स्मार्ट ट्रैफिक लाइटें खुद एक बड़ी समस्या बनती जा रही हैं। शहर के कई चौक-चौराहों पर हाल ही में लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम कुछ ही दिनों में फेल हो गए हैं। नतीजतन, यातायात व्यवस्था फिर से चरमराने लगी है और जाम की समस्या लौट आई है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के व्यस्त चौराहों पर आधुनिक ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे ताकि ट्रैफिक को सुचारू किया जा सके। परंतु लाइटें अक्सर बंद या बेवजह चालू रहती हैं, जिससे वाहन चालकों में भ्रम की स्थिति बनी रहती है।
एक ऑटो ड्राइवर ने बताया, “हमें समझ में नहीं आता कि लाइट बंद है या चालू। जाम में फंसते हैं तो सवारी भी झुंझलाती है और मालिक भी डांटते हैं।”
वर्तमान हालात ये हैं कि ट्रैफिक सिग्नलों के अकार्यक्षम होने से चौराहों पर अफरा-तफरी, टकराव की स्थिति और मानसिक तनाव बढ़ रहा है।
स्थानीय नागरिक पूछ रहे हैं कि क्या स्मार्ट सिटी की परिकल्पना सिर्फ फाइलों और पोस्टरों तक सीमित रह गई है?
सबसे चिंताजनक बात यह है कि नगर निगम या स्मार्ट सिटी मिशन से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा है। अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं, और लाइटों की मरम्मत कब होगी—इसका कोई ठोस जवाब नहीं है।
अब जनता सवाल कर रही है:
- क्या इन योजनाओं पर निगरानी नहीं हो रही?
- क्या लाखों रुपये की लागत से लगे उपकरण सिर्फ दिखावे के लिए थे?
- क्या जिम्मेदार एजेंसियों की कोई जवाबदेही तय नहीं होगी?
जब तक ये सवालों के जवाब नहीं मिलते और लाइटें सुचारू नहीं होतीं, तब तक भागलपुर की सड़कों पर ‘स्मार्ट’ शब्द सिरदर्द बना रहेगा।