मां दुर्गा के जयकारे, शंख घंटे की ध्वनि व बंगाल के ढाक के थाप के साथ गुरुवार को कालीबाड़ी व दुर्गाबाड़ी में हर्षोल्लास के साथ मां दुर्गा की प्रतिमाएं बेदी पर स्थापित हो गयीं। इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए मां का पट खोल दिये गये।
कालीबाड़ी में अध्यक्ष डॉ. सुजाता शर्मा ने नेतृत्व में पूजा की सारी तैयारी चल रही है। महासचिव विलास कुमार बागची ने बताया कि पंडित राजा मुखर्जी व देवाशीष मुखर्जी द्वारा विधि-विधान के साथ देर शाम मां को बेदी पर स्थापित कराया गया। शुक्रवार को षष्ठी तिथि के दिन दुर्गा देवी का आमंत्रण व अधिवास होगा। प्रतिमा का विजर्सन दशमी के दिन महिलाओं के सिंदूर खेलने के बाद होगा। इस दौरान परिमल कंसमणि, सुजाता कंसमणि, पार्थो घोष, रजत मुखर्जी, तापस घोष, कंचन सरकार, स्नेहशीष बागची, अनिता चक्रवती, दीपलेखा, संपा घोष, सुजाता बनिक आदि मौजूद थे।
दूसरी ओर दुर्गाबाड़ी में महिलाओं ने शंख बजाकर मां का स्वागत किया। पंडित गोपी चटर्जी ने बताया कि शुक्रवार को पहला कलश स्थापित होगा। सप्तमी से नवमी तक यहां संस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। मां को कतरनी अरवा चावल की खिचड़ी व पुलाव का भोग लगाया जायेगा। उधर, मारवाड़ी पाठशाला, मानिकपुर दुर्गा मंदिर, मंदरोजा, तिलकामांझी, बड़ी खंजरपुर समेत सभी जगहों पर प्रतिमा शुक्रवार को षष्ठी तिथि को बेदी पर स्थापित हो जायेगी। शनिवार को सप्तमी के दिन मां का प्राण-प्रतिष्ठा हो गया। इसके बाद मां की प्रतिमा का दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे। जुबक संघ के सचिव बबन साहा ने बताया कि यहां षष्ठी तिथि को प्रतिमा बेदी पर स्थापित होगी। मां की प्रतिमा का प्राण-प्रतिष्ठा शनिवार की सुबह कोलकाता के पंडित कालीचरण गांगुली के द्वारा संपन्न होगा। मोहदीनगर दुर्गा मंदिर के पूजा प्रभारी दिलीप पाल ने बताया कि यहां गुरुवार को सुबह माता स्कंदमाता की पूजा-अर्चना शुरू की गयी। दोपहर में ब्राह्मण भोजन का आयोजन के बाद पाठ हुआ। संध्या के समय महिलाओं एवं बच्चियों द्वारा भजन संध्या का आयोजन हुआ।
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