बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हुई है. वहीं पान समाज भी चुनावी दंगल में अपनी मौजूदगी को मजबूती से दर्ज कराने की योजना बनाई है. पान समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष आईपी गुप्ता पहली बार हेलीकॉप्टर से अपने गांव पतौना पहुंचकर चुनावी अभियान की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में पान समाज केंद्रीय भूमिका में रहेगा.
हांको रथ हम पान है का लगा नारा: जमुई में हेलीकॉप्टर के उतरते ही उन्होंने ‘हांको रथ हम पान है’ नारा भी लगाया. पान समाज भी चुनावी राजनीति में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है. वहीं अखिल भारतीय पान महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आई पी गुप्ता ने कहा कि इस समाज को एससी में आरक्षण वापसी नहीं हो जाता है और तब तक हम आंदोलन जारी रहेगा.
पान समाज ने किया स्वागत: दरअसल, रविवार को अखिल भारतीय पान महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्रजीत प्रसाद गुप्ता आंदोलन 170 वां दिन पूरा करने के बाद अपने गांव पतौना पहुंचे यहां अपने पिता सरयू बाबू धाम समाधि पर पहुंचकर नमन किया. इस दौरान उनके स्वागत में पान समाज उमड़ पड़ा. आईपी गुप्त अपने पान समाज को एससी में आरक्षण के लिए आंदोलन चला रहे हैं.
युवाओं ने नाम पर राजनीति : उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में तांती ततवा पान समाज केंद्रीय भूमिका में रहेगा जो इतिहास में पहली बार होगा. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को जमकर सुनाया. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है देश का कि हरेक राजनीतिक दल देश के 65 प्रतिशत युवाओं को नौजवानों को सपना दिखाकर राजनीति कर रही है. जब पान समाज को राजनीति में लाने की बात होती है तो उसे कुचलने का भी प्रयास करती है.
पटना में पान समाज का महाजुटान : सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 13 अप्रैल को गांधी मैदान में पान समाज का महाजुटान होने जा रहा है. 13 लाख लोग जुटेंगे वहां से केंद्र और बिहार सरकार को साफ संदेश दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जातिगत गणना में उसे अलग-अलग बांटकर कम दिखाया गया है. हमारे समाज से भी एमएलए, एमपी, सीएम, पीएम होंगे. हमारी आवाज भी सड़क से सदन में उठेगी.
“पान समाज को आरक्षण हक अधिकार हिस्सेदारी दिलाने के लिए आंदोलन चल रहा है. आने वाले चुनाव में पान समाज केंद्रीय भूमिका में होगा. इसके लिए पटना में 13 अप्रैल को के गांधी मैदान में पान समाज का महाजुटान होगा.” – आईपी गुप्ता, राष्ट्रीय अध्यक्ष, पान समाज
चिराग, तेजस्वी, राहुल गांधी.. कन्हैया से उम्मीद :उन्होंने कहा कि राजनीति में युवा नेताओं की बढ़ती उपस्थिति और सक्रियता न केवल राजनीतिक परिदृश्य को बदल रही है, बल्कि ये युवा नेता नई दिशा और दृष्टिकोण के साथ समाज में अपनी पहचान भी बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान, तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और कन्हैया कुमार जैसे नेता सचमुच राजनीति में अपने एजेंडा और दृष्टिकोण से एक नई उम्मीद जगा रहे हैं.