बांग्लादेश में मौत की सजा के बाद संकट गहराया: क्या भारत शेख हसीना को बचा पाएगा?

साल 2024 में बांग्लादेश में हुए बड़े विद्रोह के बाद सत्ता से बेदखल होकर देश छोड़ने पर मजबूर हुईं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना इस समय भारत में शरणार्थी के रूप में रह रही हैं। सोमवार को उनके लिए एक बड़ा झटका तब लगा जब बांग्लादेश इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) ने उन्हें पिछले साल हुए छात्र आंदोलन और देशव्यापी विद्रोह के दौरान कथित दमनात्मक कार्रवाई के लिए मौत की सजा सुनाई।

शेख हसीना के साथ ही बांग्लादेश के पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को भी फांसी की सजा दी गई है। इसके बाद ढाका ने औपचारिक रूप से भारत से अनुरोध किया है कि दोनों नेताओं को प्रत्यर्पण संधि के तहत बांग्लादेश को सौंपा जाए।


क्या भारत शेख हसीना को प्रत्यर्पित करेगा?

बांग्लादेश का कहना है कि वर्ष 2013 में हस्ताक्षरित और 2016 में संशोधित भारत–बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि के अनुसार भारत शेख हसीना को सौंपने के लिए बाध्य है। हालांकि भारत सरकार ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

इस स्थिति ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भारत शेख हसीना को बांग्लादेश भेजेगा, या उनके जीवन की सुरक्षा को देखते हुए प्रत्यर्पण से इनकार कर देगा?


भारत–बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि क्या कहती है?

2013 की संधि के मुताबिक—

  • प्रत्यर्पण तभी होगा, जब संबंधित अपराध दोनों देशों में दंडनीय हो
  • अपराध के लिए कम से कम एक वर्ष की सजा तय हो
  • अपराध में सहायता या उकसाने वाले व्यक्ति पर भी संधि लागू

इस समझौते के तहत पहले भी कई मामलों में प्रत्यर्पण हो चुके हैं—
जैसे शेख मुजीबुर रहमान की हत्या में शामिल दोषियों को बांग्लादेश भेजना और उल्फा नेता अनूप चेतिया को भारत को सौंपना।


भारत किन आधारों पर इनकार कर सकता है?

संधि में भारत को प्रत्यर्पण से इनकार करने के भी अधिकार दिए गए हैं। प्रमुख आधार:

1. राजनीतिक प्रकृति का मामला (अनुच्छेद 6)

यदि अपराध राजनीतिक माना जाता है, तो भारत प्रत्यर्पण से मना कर सकता है।
हालांकि हत्या, अपहरण, आतंकवाद जैसे अपराध इस छूट में शामिल नहीं होते।

2. न्यायिक निष्पक्षता पर सवाल (अनुच्छेद 7 और 8)

भारत अनुरोध खारिज कर सकता है, यदि—

  • आरोपी को बांग्लादेश में अनुचित न्यायिक प्रक्रिया या राजनीतिक प्रतिशोध का खतरा हो
  • मामला भारत में पहले से विचाराधीन हो
  • आरोप दुर्भावनापूर्ण प्रतीत हों

इस आधार पर भारत यह तर्क दे सकता है कि शेख हसीना की जान को बांग्लादेश में गंभीर खतरा है।


 

WhatsApp Channel VOB का चैनल JOIN करें
  • Related Posts

    बिहार बजट में सबसे बड़ा आवंटन स्वास्थ्य को, लेकिन जमीनी तस्वीर डराने वाली — बेतिया और समस्तीपुर से दो तस्वीरों ने खोली पोल

    Continue reading
    सभी 8053 पंचायतों को बड़ा तोहफा: बिहार में बनेगा नया पंचायत भवन, मिनी सेक्रेटेरियट की तर्ज पर सुविधाएं

    Continue reading