भारतीय सेना की बड़ी कार्रवाई, पाकिस्तान के भीतर घुसकर आतंकी ठिकानों पर हमला
नई दिल्ली: भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख को और भी सख्त करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी संगठनों के नौ ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया है। इस गुप्त सैन्य कार्रवाई ने पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया है।
बहावलपुर: जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बना निशाना
पाकिस्तान का 12वां सबसे बड़ा शहर बहावलपुर लंबे समय से आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय रहा है। यहीं स्थित है जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह परिसर, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस के नाम से भी जाना जाता है। भारत ने इस हाई-सिक्योरिटी परिसर को निशाना बनाकर यह स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंक को पालने वाले सुरक्षित नहीं रहेंगे।
18 एकड़ में फैला यह परिसर मदरसे, मस्जिद, अस्तबल, जिम और स्विमिंग पूल जैसी सुविधाओं से लैस है। इसे अल-रहमत ट्रस्ट संचालित करता है, जो जैश का फ्रंटल संगठन माना जाता है। यह परिसर अब केवल धार्मिक स्थल नहीं रहा, बल्कि एक सक्रिय आतंकी प्रशिक्षण केंद्र में तब्दील हो चुका था।
तीनों सेनाओं की संयुक्त कार्रवाई
इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना के समन्वित प्रयास से। हमले के दौरान बहावलपुर, मुरिदके, सियालकोट और PoK के पांच स्थानों को उन्नत हथियारों से सफलतापूर्वक ध्वस्त किया गया। भारतीय सेना ने अत्याधुनिक सटीक-मारक हथियारों का इस्तेमाल किया जिससे collateral damage से बचा जा सके।
क्यों जरूरी था बहावलपुर पर हमला?
बहावलपुर वही स्थान है जहाँ भारत के दुश्मन नंबर एक मसूद अजहर का जन्म हुआ था। 1999 में कंधार विमान अपहरण के बाद रिहा किए गए मसूद अजहर ने यहीं जैश-ए-मोहम्मद की नींव रखी। उसे ISI का संरक्षण प्राप्त था और वह ओसामा बिन लादेन से प्रेरित था।
यह इलाका इतना संवेदनशील है कि यहां पाकिस्तानी सेना की 31वीं कोर और एक गुप्त परमाणु सुविधा भी मौजूद है। इसके बावजूद भारत ने इस क्षेत्र में सटीक और सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया।
भारत की नई रणनीति: अब सीमा नहीं, सीधा स्रोत पर वार
बालाकोट एयरस्ट्राइक और उरी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इस बात का प्रतीक है कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति अब केवल PoK तक सीमित नहीं रही। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब हमला सिर्फ आतंकियों पर नहीं, बल्कि उन्हें पनाह देने वालों पर भी होगा।