मोकामा/बेगूसराय।बिहार के सड़क और पुल निर्माण के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। मोकामा के औंटा और बेगूसराय के सिमरिया को जोड़ने वाला 6 लेन गंगा ब्रिज बनकर तैयार हो गया है। यह पुल अब 22 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा जनता को समर्पित किया जाएगा।
पुल की खासियत
- पुल की कुल लंबाई : 1.865 किलोमीटर
- पहुँच पथ सहित परियोजना की कुल लंबाई : 8.150 किलोमीटर
- परियोजना की लागत : 1871 करोड़ रुपये
- पहले यहाँ केवल राजेंद्र सेतु (2 लेन सड़क-सह-रेल पुल) था।
राजेंद्र सेतु का इतिहास
राजेंद्र सेतु का शिलान्यास भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 1956 में किया था। इसका उद्घाटन 1959 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू एवं मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह ने किया था। लेकिन बीते 70 वर्षों में बढ़ते यातायात के कारण यह पुल अब पर्याप्त नहीं रहा।
प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज से बना पुल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में बिहार के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की थी। उसी के तहत औंटा घाट–सिमरिया पुल का निर्माण शुरू हुआ। 2017 में मोकामा में आयोजित समारोह में पीएम मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी।
नए पुल से होंगे बड़े फायदे
- पटना से मोकामा-बेगूसराय-खगड़िया तक 4 लेन कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो जाएगी।
- पटना से बख्तियारपुर तक पहले से 4 लेन सड़क चालू है।
- बख्तियारपुर से मोकामा तक 44.60 किमी 4 लेन सड़क (लागत : 1899 करोड़ रुपये) का उद्घाटन भी 22 अगस्त को होगा।
- सिमरिया से खगड़िया तक का 4 लेन चौड़ीकरण पहले ही पूरा हो चुका है।
- खगड़िया से पूर्णिया तक 4 लेन सड़क की योजना पर काम चल रहा है।
लॉजिस्टिक्स और व्यापार को मिलेगा लाभ
- भारी वाहनों, ट्रकों और मालवाहक परिवहन को बड़ी सहूलियत होगी।
- पूर्वोत्तर भारत की ओर जाने वाले वाहनों को बेहतर मार्ग मिलेगा।
- दक्षिण बिहार से उत्तर बिहार पत्थर और बालू की ढुलाई आसान होगी।
- बेगूसराय समेत पूरे क्षेत्र के औद्योगिक और आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।
भविष्य की दिशा
औंटा घाट–सिमरिया का यह 6 लेन पुल, पश्चिम में बन रहे नए रेल पुल और पूर्व में बने सड़क पुल के साथ, बिहार को मजबूत आधुनिक बुनियादी ढांचे से जोड़ देगा।
यह पुल केवल एक संरचना नहीं, बल्कि “विकासशील बिहार का प्रतीक” माना जा रहा है।


