भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर घटते ही मानिकसरकार मोहल्ले में कटाव ने भयावह रूप धारण कर लिया है। नदी के बिल्कुल किनारे बसे इस घनी आबादी वाले इलाके में मिट्टी तेज़ी से टूट रही है, जिससे कई मकान और बहुमंजिली इमारतें नदी में समाने के कगार पर पहुंच गई हैं।
कटाव की रफ्तार इतनी तेज़ है कि लोग किसी बड़े हादसे के डर से अपना घर छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। कई परिवार आवश्यक सामान समेटकर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे हैं।
“प्रशासन अभी तक नहीं पहुंचा”—स्थानीय लोगों में आक्रोश
इलाके के लोगों का कहना है कि कटाव पिछले कई दिनों से बढ़ता जा रहा है, लेकिन अब तक कोई अधिकारी, इंजीनियरिंग टीम या राहत दल मौके पर नहीं पहुंचा है।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि:
- कटाव रात-दिन तेजी से बढ़ रहा है
- घरों की दीवारों में दरारें पड़नी शुरू हो गई हैं
- कई मकान आधे से अधिक लटक चुके हैं
- लोग अपने सामान को खुद ही सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं
लोगों में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि प्रशासन की ओर से अभी तक कोई मुआयना, सहायता या सुरक्षा प्रबंध नहीं किए गए हैं।
हर साल बढ़ता है खतरा, इस बार स्थिति और गंभीर
मानिकसरकार मोहल्ला गंगा किनारे स्थित एक संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि:
- यहां तटबंध या सुरक्षा बांध का अभाव है
- मानसून और उसके बाद के महीनों में कटाव का खतरा हर साल बढ़ जाता है
- इस बार स्थिति पहले से कहीं ज्यादा भयावह है
- कई घरों की नींव नदी के पानी द्वारा काट दी गई है
नदी के लगातार बदलते प्रवाह और मिट्टी के ढीले ढांचे ने इस इलाके को अत्यधिक जोखिम में डाल दिया है।
लोगों ने प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की
कटाव से परेशान लोगों ने जिला प्रशासन से तत्काल मौके पर पहुंचकर नुकसान का आकलन करने और राहत कार्य शुरू कराने की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि:
- प्रभावित परिवारों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए
- कटाव रोकने के लिए अस्थायी बचाव कार्य शुरू हों
- खतरे वाले मकानों को खाली कराने के लिए टीम भेजी जाए
- भविष्य में स्थायी तटबंध निर्माण किया जाए
लोगों को डर है कि यदि स्थिति इसी तरह बनी रही तो किसी भी समय बड़ी जन नुकसान और संपत्ति क्षति की घटना हो सकती है।
इलाके में बढ़ी दहशत, पूरी रात जागकर पहरा दे रहे लोग
कटाव के चलते मानिकसरकार मोहल्ले में भय का माहौल बना हुआ है।
कई निवासी पूरी रात जागकर अपने घरों और आस-पास के इलाकों पर नजर रख रहे हैं, ताकि किसी आकस्मिक हादसे से परिवार को बचाया जा सके।


