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भागलपुर/पटना:‘आर्ट ऑफ गिविंग’ यानी देने की कला — यह सिर्फ एक विचार नहीं, बल्कि एक वैश्विक आंदोलन है, जो समाज में शांति, आनंद और परोपकार की भावना को मजबूती देने का कार्य कर रहा है। इस विचार की अंतरराष्ट्रीय मान्यता को ध्यान में रखते हुए हर साल इसका विशेष दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2024 में बिहार में यह आयोजन 17 मई को पूरे राज्यभर में विशेष रूप से मनाया जा रहा है।

बिहार स्टेट यूनिट के अध्यक्ष नीलकमल राय ने बताया कि इस अवसर पर राज्य के 100 से अधिक स्थानों पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन आयोजनों का मुख्य उद्देश्य लोगों में सेवा, दान और परोपकार की भावना को जागरूक करना है ताकि एक सकारात्मक और सहयोगी समाज का निर्माण संभव हो सके।

इस आयोजन को व्यापक स्तर पर सफल बनाने हेतु एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की गई, जिसमें आयोजन से जुड़ी तैयारियों और उद्देश्यों को विस्तार से बताया गया।

‘आर्ट ऑफ गिविंग’ आंदोलन की शुरुआत डॉ. अच्युत सामंत ने की थी, जिनकी प्रेरणा से यह अभियान अब लाखों लोगों तक पहुँच चुका है। डॉ. सामंत न केवल इस आंदोलन के संस्थापक हैं, बल्कि उन्होंने समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा के क्षेत्र में भी महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।

आर्ट ऑफ गिविंग डे का यह आयोजन सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह समाज में स्थायी सकारात्मक परिवर्तन की ओर उठाया गया एक महत्त्वपूर्ण कदम है।