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पटना/मोकामा।

बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह से पटना पुलिस की पूछताछ करीब 16 घंटे तक चली। उन्हें रंगदारी सेल में रखकर हत्या और चुनावी हिंसा से जुड़े कई अहम सवाल पूछे गए। पूछताछ के दौरान अनंत सिंह ने अपने पुराने अंदाज़ में जवाब देते हुए कहा –

“ए सर… हमर चुनवा ठीक रहतय ने, हमके फसाया जा रहल हई।”

इस दौरान अनंत ने कई सवालों पर गोलमोल जवाब दिए और खुद को निर्दोष बताया।

“दुलारचंद से कोई दुश्मनी नहीं थी” – अनंत सिंह

पुलिस ने जब पूछा कि दुलारचंद यादव की हत्या क्यों हुई, तो अनंत सिंह ने कहा –

“हमरा उससे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी।”

उनके इस बयान से यह संकेत मिलता है कि दुलारचंद के राजनीतिक रुझान बदलने के बावजूद दोनों के बीच कोई पुराना विवाद नहीं था।

50 गाड़ियों का काफिला और आचार संहिता उल्लंघन का सवाल

पूछताछ के दौरान एसएसपी ने सवाल किया कि आप 50 गाड़ियों के काफिले के साथ कैसे चल रहे थे? क्या यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है?
इस पर अनंत सिंह ने मुस्कराते हुए कहा –

“हम तो कम गाड़ी लेकर चले थे, लोग खुद-ब-खुद जुड़ गए। मोकामा हमारा इलाका है, लोग मिलते जाते हैं। उन्हें कैसे रोका जा सकता है?”

हालांकि आचार संहिता के नियमों के मुताबिक, इस तरह के बड़े काफिले पर पूरी तरह प्रतिबंध है

हत्या की घटना पर टालमटोल भरे जवाब

पुलिस ने बार-बार सवाल दोहराया –

“आपकी मौजूदगी में हत्या हुई या नहीं?”
“आपके लोगों ने हथियार कहां से लाए?”
“वीडियो में दिख रहे लोग आपके समर्थक हैं?”

हर सवाल पर अनंत सिंह का जवाब लगभग एक जैसा रहा –

“किसने मारा, कैसे मारा, मुझे नहीं पता। मैं तो आगे था।”

जब उनसे पूछा गया कि आपने हिंसा रोकने की कोशिश क्यों नहीं की, तो उन्होंने कहा –

“मैंने किसी को मारने को नहीं कहा। न मैं शामिल था, न मैंने किसी को उकसाया।”

चुनावी लाभ के सवाल पर भड़क उठे अनंत सिंह

जब पुलिस ने पूछा कि क्या यह घटना चुनावी फायदा पाने के लिए कराई गई, तो अनंत सिंह ने तीखे लहजे में कहा –

“क्या कह रहे हैं आप! हमारा चुनाव तो ठीक चल रहा था। हमारा कोई कंपटीशन ही नहीं था। ऐसे में फायदा क्या होता?”

उनके इस बयान से साफ होता है कि अनंत खुद को चुनाव में मजबूत स्थिति में मान रहे थे और हत्या को महज आकस्मिक भिड़ंत बता रहे हैं।

दूसरी पूछताछ में फोकस उनके करीबी साथियों पर

शनिवार की रात करीब 12:45 बजे अनंत सिंह को पटना पुलिस मुख्यालय लाया गया।
1:30 बजे रात से दोबारा पूछताछ शुरू हुई। इस बार पुलिस का ध्यान उनके दो करीबी सहयोगियों – मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम पर केंद्रित था।
माना जा रहा है कि ये दोनों नेता घटना के वक्त काफिले में मौजूद थे और पुलिस इनके माध्यम से पूरी साजिश की कड़ियों को जोड़ने की कोशिश कर रही है।

14 दिन की न्यायिक हिरासत, SIT करेगी जांच

रविवार सुबह अनंत सिंह को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस ने इस वारदात को संगीन मामला बताते हुए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित की है, जो वीडियो, गवाहों और डिजिटल सबूतों की जांच करेगी।

मोकामा में कसा कानून का शिकंजा, बदली चुनावी हवा

मोकामा में इस हत्याकांड के बाद कानूनी और राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
पुलिस सख्त कार्रवाई में जुटी है, जबकि अनंत सिंह समर्थक इसे राजनीतिक षड्यंत्र बता रहे हैं।
इस घटना ने न केवल मोकामा की चुनावी हवा बदल दी है, बल्कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के समीकरणों पर भी इसका असर दिखने लगा है।

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