LIVE EXIT POLL
🗳️ Axis My India: NDA 121–141 सीटें | महागठबंधन 98–118 सीटें | अन्य 4–8 सीटें
📊 Today’s Chanakya: NDA 130–150 सीटें | महागठबंधन 80–100 सीटें | अन्य 5–10 सीटें
🗳️ India TV–CNX: NDA 118–138 सीटें | महागठबंधन 95–115 सीटें | अन्य 3–6 सीटें
📈 ABP–C Voter: NDA 127 सीटें | महागठबंधन 105 सीटें | अन्य 11 सीटें
🗳️ Times Now–ETG: NDA 120–140 सीटें | महागठबंधन 90–110 सीटें | अन्य 5–8 सीटें
📊 TV9 Bharatvarsh–Polstrat: NDA 125–145 सीटें | महागठबंधन 85–105 सीटें | अन्य 4–6 सीटें
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दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खराब होता जा रहा है। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ रही है, वैसे-वैसे दिल्ली की हवा में और अधिक प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। आज भी राजधानी के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंच गया है, जो कि “गंभीर” श्रेणी में आता है। यह स्थिति लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, खासकर उन लोगों के लिए जो अस्थमा, दिल की बीमारियों या अन्य सांस से जुड़ी समस्याओं से ग्रस्त हैं।

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) क्या है?

AQI (Air Quality Index) एक मानक होता है, जिसका इस्तेमाल वायु प्रदूषण की गंभीरता को मापने के लिए किया जाता है। AQI की श्रेणियां इस प्रकार होती हैं:

0-50: अच्छा
51-100: संतोषजनक
101-200: औसत
201-300: खराब
301-400: बहुत खराब
401 और ऊपर: गंभीर

दिल्ली के कई इलाके जैसे कि आइटीओ, आनंद विहार, और शाहदरा में AQI 400 के ऊपर है, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। इसका मतलब है कि इन इलाकों में हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों की मात्रा इतनी ज्यादा है कि यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

प्रदूषण के मुख्य कारण

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के कई कारण हैं:

  • वातावरण में धुंआ और रसायन: सर्दी में कोहरे की वजह से प्रदूषक तत्व हवा में फंस जाते हैं और उनकी सघनता बढ़ जाती है।
  • फसल जलाने से होने वाला धुआं: आसपास के राज्यों में किसानों द्वारा फसल जलाने की वजह से धुआं दिल्ली तक पहुंचता है, जिससे प्रदूषण और बढ़ता है।

  • वाहनों से उत्सर्जित धुंआ: दिल्ली में ट्रैफिक जाम और वाहनों की संख्या अधिक होने से भी प्रदूषण बढ़ता है।

  • निर्माण कार्य: निर्माण कार्यों की वजह से धूल और अन्य प्रदूषक तत्व हवा में मिलते हैं।

स्वास्थ्य पर असर

गंभीर AQI स्तर के कारण दिल्लीवासियों के लिए सांस लेना मुश्किल हो सकता है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और उन लोगों को ज्यादा परेशानी होती है जिनको पहले से सांस की बीमारियां हैं। उच्च प्रदूषण स्तर से आंखों में जलन, खांसी, गले में खराश और श्वसन संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय तक इस तरह के प्रदूषण में रहने से दिल और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां बढ़ सकती हैं।

क्या करें दिल्लीवासी?

दिल्ली में इस प्रदूषण से बचने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं:

  • मास्क पहनें: बाहर निकलते समय N95 मास्क पहनें, जो प्रदूषण को फिल्टर करने में मदद करता है।
  • घर के अंदर रहें: बाहर जाने से बचें, खासकर सुबह और शाम के समय जब प्रदूषण स्तर अधिक होता है।
  • एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें: घर के अंदर एयर प्यूरीफायर लगाकर हवा को साफ करें।
  • पानी अधिक पिएं: प्रदूषण से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने के लिए खूब पानी पिएं और ग्रीन टी जैसी हेल्दी ड्रिंक लें।
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