पटना: बिहार सरकार ने भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में एक नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 472.72 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। इस राशि से लगभग 931 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
एयरपोर्ट का स्थान और क्षेत्रफल
नया हवाई अड्डा सुल्तानगंज के देवघर रोड से पश्चिम और निर्माणाधीन फोरलेन सड़क से दक्षिण की ओर बनाया जाएगा। इसमें मसदी, नोनसर, राजगंज, कसबा, सुजापुर और मंझली मौजा की भूमि को शामिल किया गया है। प्रस्तावित स्थान भागलपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
एयरपोर्ट की संरचना और डिजाइन
परियोजना के अनुसार, रनवे की लंबाई उत्तरी छोर पर 4000 मीटर और दक्षिणी छोर पर 3800 मीटर होगी, जबकि चौड़ाई 740 मीटर निर्धारित की गई है।
टर्मिनल बिल्डिंग 1000 मीटर लंबी और 500 मीटर चौड़ी होगी। यह आधुनिक हवाई अड्डा पूर्वी बिहार और आसपास के जिलों के लिए एक मुख्य हवाई केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा
सरकार का कहना है कि सड़क मार्ग के माध्यम से सुल्तानगंज एयरपोर्ट को आसपास के जिलों से जोड़ा जाएगा। इससे न केवल भागलपुर, बल्कि मुंगेर, बांका, जमुई और झारखंड के देवघर जैसे पड़ोसी क्षेत्रों को भी हवाई सुविधा का लाभ मिलेगा।
इस परियोजना से पर्यटन, व्यापार और निवेश को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
पुराने एयरपोर्टों पर भी नजर
नीतीश कैबिनेट ने भागलपुर, छपरा और मोतिहारी के पुराने हवाई अड्डों से उड़ान सेवा शुरू करने की संभावना का आकलन करने के लिए भी कदम उठाया है।
इस उद्देश्य से सरकार ने 1 करोड़ 21 लाख 58 हजार 830 रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी है, जिसके तहत भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI), नई दिल्ली से पूर्व व्यवहार्यता अध्ययन (Pre-feasibility Study) कराया जाएगा।
धार्मिक और औद्योगिक दृष्टि से लाभ
सुल्तानगंज का धार्मिक महत्व (गंगा तट पर स्थित अजगैबीनाथ मंदिर और प्रसिद्ध श्रावणी मेला) तथा भागलपुर का रेशम उद्योग इस हवाई संपर्क से सीधा लाभान्वित होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह एयरपोर्ट पूर्वी बिहार के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है।