पटना, 23 मई 2025:बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) द्वारा ‘बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी लिमिटेड, पटना’ के गठन को लेकर एक दिवसीय राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन पटना में किया गया। बैठक का उद्देश्य राज्य भर में महिला स्वयं सहायता समूहों की वित्तीय स्वायत्तता को सुदृढ़ करने के लिए सहकारी बैंकिंग ढांचे की स्थापना पर रणनीतिक चर्चा करना था।
राज्य भर से 100 संकुल समितियों की भागीदारी
बैठक में बिहार के सभी 38 जिलों से चयनित 100 संकुल समिति प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह एवं जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री हिमांशु शर्मा द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।
वित्तीय स्वतंत्रता की ओर एक ठोस कदम
श्री लोकेश कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि यह नई सहकारी संस्था जीविका दीदियों को बैंकिंग जटिलताओं से मुक्ति दिलाते हुए सुलभ एवं त्वरित ऋण सुविधा प्रदान करेगी। इससे उनके स्वरोजगार और उद्यमिता के अवसर बढ़ेंगे।
मुख्य कार्यपालक श्री हिमांशु शर्मा ने कहा कि यह संस्था जीविका दीदियों के लिए “अपने बैंक” के रूप में कार्य करेगी, जहां वे स्वयं निर्णयकर्ता भी होंगी और लाभार्थी भी।
कार्यप्रणाली, पारदर्शिता और सहभागिता पर बल
बैठक में जीविका के वरिष्ठ अधिकारियों और सहकारिता विभाग के प्रतिनिधियों ने संस्थागत ढांचे, ऋण वितरण प्रक्रिया, निगरानी प्रणाली तथा प्रबंधन समिति के कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। बैठक में प्रतिनिधियों ने भी सुझाव और सवाल रखे, जिससे पारदर्शी संवाद सुनिश्चित हो सका।
निर्वाचन के माध्यम से चुनी गई प्रबंधन समिति
बैठक के दौरान 12 निर्वाचन क्षेत्रों से 12 निदेशकों का चयन किया गया, जो अब ‘प्रबंधन समिति’ के सदस्य के रूप में कार्य करेंगे। यह निर्वाचन प्रक्रिया लोकतांत्रिक एवं सहभागी पद्धति पर आधारित रही। इन निदेशकों को आगामी दिनों में तकनीकी प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक पहल
बैठक के समापन पर सभी प्रतिभागियों ने इस पहल को महिला वित्तीय सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर बताया। उम्मीद जताई गई कि यह संस्था राज्य की लाखों जीविका दीदियों को आर्थिक स्वतंत्रता, निर्णय लेने की क्षमता, और विकास के अवसर प्रदान करेगी।