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रूस-यूक्रेन युद्धविराम की ओर बढ़ा एक बड़ा कदम, पुतिन-ट्रंप बातचीत से खुला शांति का रास्ता

ByKumar Aditya

मई 20, 2025
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नई दिल्ली। वर्षों से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की दिशा में एक बड़ी प्रगति हुई है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई दो घंटे लंबी टेलीफोनिक बातचीत के बाद पुतिन ने यूक्रेन के साथ सीधी शांति वार्ता के लिए हामी भर दी है।

ट्रंप-पुतिन वार्ता रही ‘सार्थक’

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप और पुतिन के बीच हुई बातचीत सफल रही है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर जानकारी दी कि उन्होंने पुतिन के साथ संघर्ष खत्म करने के रास्ते पर गंभीर चर्चा की। पुतिन ने भी वार्ता को सार्थक करार दिया, हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपनी प्रमुख मांगों से पीछे नहीं हटेंगे।

जेलेंस्की भी रहे संपर्क में

यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ट्रंप के संपर्क में बने रहे। उन्होंने बातचीत शुरू होने से पहले और खत्म होने के बाद ट्रंप से बात की। जेलेंस्की ने कहा कि अगले दौर की वार्ता तुर्किये, स्विट्जरलैंड या वेटिकन में हो सकती है।

सीधे संवाद पर सहमति

द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अब रूस और यूक्रेन सीधे युद्धविराम पर बातचीत शुरू करने को तैयार हैं। ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं से भी संपर्क कर वार्ता का समर्थन जुटाया, जिसमें ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली, फिनलैंड और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष शामिल रहीं। ट्रंप ने कहा कि यह मुद्दा रूस और यूक्रेन का है, और युद्धविराम की शर्तें दोनों देश आपस में तय करेंगे, किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता आवश्यक नहीं।

अमेरिका में मिला समर्थन, जताई सतर्कता भी

हालांकि, अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पुतिन की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें यकीन नहीं है कि पुतिन युद्ध रोकना चाहते हैं। वहीं, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का मुख्य उद्देश्य युद्ध का शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान निकालना है।

अगली वार्ता का स्थान तय नहीं

यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बताया कि अगली शांति वार्ता की जगह पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन तुर्किये, वेटिकन और स्विट्जरलैंड जैसे विकल्पों पर विचार चल रहा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यह एक ऐतिहासिक राजनयिक प्रयास माना जा रहा है, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थ की भूमिका निभाकर दोनों देशों को सीधी बातचीत की मेज पर लाने में अहम भूमिका निभाई है। यदि ये वार्ताएं सफल रहीं, तो यह दुनिया को एक बड़े युद्ध संकट से उबारने में निर्णायक साबित हो सकती हैं।

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