पटना। बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की लगातार गैरमौजूदगी को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। तेजस्वी सत्र के पहले दिन शपथ ग्रहण के लिए और दूसरे दिन उपस्थित हुए थे, लेकिन उसके बाद से सदन नहीं पहुंचे। उनकी अनुपस्थिति को लेकर सत्तापक्ष ने सवाल खड़े किए हैं, जबकि विपक्ष बचाव में उतर आया है।
जदयू ने तेजस्वी पर साधा निशाना
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष राजनीतिक रूप से “टुअर” हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष ने शपथ लेकर अपने सहयोगी दलों को “राजनीतिक गच्चा” दे दिया।
उन्होंने दावा किया,
“मीडिया से जानकारी मिल रही है कि तेजस्वी यूरोप घूमने गए हैं। पिता बीमार हैं और बेटा सैर-सपाटा पर निकल पड़ा है। लालू जी ने बेटे को कैसा संस्कार दिया है?”
जदयू का सवाल — क्या कोर्ट की अनुमति ली गई?
नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव पर 420 का मामला दर्ज है, फिर भी वे विदेश यात्रा पर हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या इसके लिए न्यायालय से अनुमति ली गई है, और यदि हां, तो इसकी जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि तेजस्वी के साथ “हिस्ट्रीशीटर” रमीज भी विदेश गया है, जो 11 मामलों में आरोपी रहा है।
लालू यादव पर भी तंज
जदयू प्रवक्ता ने लालू यादव से अपील करते हुए कहा कि वे बाहर आकर बताएं कि “बीमारी की अवस्था में उनका बेटा कहां चला गया है।”
राजद ने किया बचाव — “सत्र चलने नहीं दिया जा रहा”
जदयू के आरोपों पर राजद नेताओं ने पलटवार किया।
राजद विधायक राहुल शर्मा का कहना है कि सरकार की मंशा ही नहीं थी कि सत्र व्यवस्थित ढंग से चले।
उन्होंने कहा,
“अगर प्रश्नकाल होता तो तेजस्वी यादव सदन में जरूर मौजूद रहते।”
AIMIM ने भी जताई नाराजगी
विपक्षी दल AIMIM ने भी तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए। इसके विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा कि यह छोटा सत्र था और नेता प्रतिपक्ष की मौजूदगी से विपक्ष को मजबूती मिलती। उन्होंने माना कि तेजस्वी की अनुपस्थिति से अच्छा संदेश नहीं गया।


