रोहिणी आचार्य विवाद पर बढ़ी सियासी गर्मी, महिला आयोग ने जताई चिंता—कहा, “बिहार की बेटी की आंखों में आंसू नहीं होने चाहिए”

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य से जुड़ा विवाद लगातार गहराता जा रहा है। पारिवारिक मतभेद अब राजनीतिक रंग ले चुका है, जिस पर विभिन्न दलों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और इसे अनुचित बताया है। इसी बीच यह मामला अब बिहार राज्य महिला आयोग के संज्ञान में भी आ गया है।

महिला आयोग की अध्यक्ष अप्सरा मिश्रा ने कहा कि रोहिणी आचार्य का मामला केवल पारिवारिक मतभेद नहीं है, बल्कि यह उत्पीड़न से जुड़ा हुआ मामला भी प्रतीत होता है। उन्होंने बताया कि रोहिणी द्वारा जारी कई वीडियो में वह अन्याय और मानसिक पीड़ा की बात करती नजर आ रही हैं।

अध्यक्ष अप्सरा मिश्रा ने कहा,
“रोहिणी कह रही हैं कि उनका मायका छूट गया है। किसी भी महिला के लिए मायके से दूरी बेहद दर्दनाक होती है। उनके पोस्ट और वीडियो से उनका दर्द साफ दिखाई देता है, लेकिन परिवार इसे समझने में असफल दिख रहा है।”

उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे संवेदनशील मामले में परिवार की ओर से स्पष्टीकरण आना चाहिए था, जिससे स्थिति स्पष्ट हो सके। उन्होंने बताया कि यदि रोहिणी भविष्य में आयोग को आवेदन देती हैं, तो उस पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।

अध्यक्ष ने कहा कि फिलहाल मामला सुओ मोटू कार्रवाई की श्रेणी में नहीं आता, लेकिन आयोग इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आवश्यकता पड़ने पर रोहिणी आचार्य को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

महिला आयोग ने स्पष्ट कहा कि बिहार की बेटी की आंखों में आंसू नहीं रहने चाहिए और किसी भी प्रकार के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


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