नीतीश कुमार ने याद दिलाया 2005 से पहले का ‘बिहार’, कहा – हमने वंचितों को दिया हक और हौसला

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए विपक्ष पर साधा निशाना, विकास के आँकड़े भी साझा किए

पाटना, 3 नवंबर 2025:

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए विपक्ष पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले की सरकारों ने पिछड़े, अति पिछड़े, दलित-महादलित और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जबकि उनकी सरकार ने “न्याय के साथ विकास” के सिद्धांत पर समाज के हर तबके को आगे बढ़ाने का काम किया है।नीतीश कुमार ने कहा —

“2005 से पहले न तो गरीबों को सम्मान मिला, न शिक्षा का अवसर। हमने सत्ता संभालने के बाद बिहार के हर तबके को मुख्यधारा में लाने का काम किया।”

मुख्यमंत्री ने अपने पोस्ट में शिक्षा के क्षेत्र में हुए मौलिक बदलावों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि जब 2005 में उन्होंने सत्ता संभाली, तब बिहार में केवल 66 आवासीय विद्यालय थे, जिनकी स्थिति बेहद खराब थी। लेकिन अब राज्य में 84,000 से अधिक छात्रों के लिए आधुनिक आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना और छात्रवृत्ति योजनाओं ने पिछड़े और वंचित तबकों के युवाओं के जीवन में नई रोशनी लाई है।

विकास के आँकड़े भी साझा किए

नीतीश कुमार ने बताया कि वर्ष 2008-09 में पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का बजट ₹42 करोड़ था, जो अब बढ़कर ₹1900 करोड़ तक पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने महादलित विकास मिशन, थरूहट विकास कार्यक्रम और स्वाभिमान बटालियन जैसी योजनाओं के माध्यम से समाज के सबसे निचले तबकों को भी सशक्त बनाया है।

राजनीतिक संदेश भी साफ़

अपने पोस्ट के अंत में मुख्यमंत्री ने लिखा —

“हमने जो कहा, वो किया। आगे भी बिहार के विकास और हर वर्ग की तरक्की के लिए काम करते रहेंगे। जय बिहार!”

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