मोकामा की सियासत में हलचल, प्रशासन ने बढ़ाई सुरक्षा, कई अधिकारी निलंबित
बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। बाहुबली छवि वाले जेडीयू नेता और मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद पूरे जिले का माहौल गरमा गया है। शनिवार देर रात पुलिस ने अनंत सिंह को गिरफ्तार किया, जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस अवधि में किसी को भी उनसे मुलाकात की अनुमति नहीं होगी और उन्हें जेल में कोई विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी।
गिरफ्तारी के तुरंत बाद अनंत सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा — “अब चुनाव मोकामा की जनता लड़ेगी।” उनके इस बयान के बाद सियासी हलकों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
🔹 प्रशासन की सख्ती और सुरक्षा व्यवस्था
पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि मोकामा और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है।
- सीएपीएफ की 13 कंपनियां,
- एसटीएफ की 2 यूनिट,
- और क्यूआरटी की 4 टीमें
इलाके में तैनात की गई हैं ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
साथ ही, भदौर और घोसवरी थानाध्यक्षों को लापरवाही बरतने के कारण निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने बताया कि पूरे घटनाक्रम से जुड़े CCTV फुटेज को खंगाला जा रहा है ताकि घटना में शामिल सभी आरोपियों की पहचान की जा सके और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
🔹 मोकामा की सियासत में बड़ा बदलाव
अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद मोकामा विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदलते नजर आ रहे हैं। यह सीट लंबे समय से बाहुबली नेताओं के प्रभाव में रही है, और अब जब जेडीयू प्रत्याशी खुद जेल की सलाखों के पीछे हैं, तो पार्टी के लिए चुनावी रणनीति तैयार करना बड़ी चुनौती बन गया है।
दूसरी ओर, विपक्षी दल इस गिरफ्तारी को मुद्दा बनाकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश में हैं। जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार पियूष प्रियदर्शी ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है और अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं, एनडीए और महागठबंधन दोनों ही इस घटना को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में जुटे हैं।
🔹न्यायिक प्रक्रिया की अगली कड़ी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अनंत सिंह पर लगे आरोप गंभीर हैं। **दुल


