आज सोमवार, 3 नवंबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जा रहा है। आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है और आज सोम प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है। शास्त्रों के अनुसार, जब प्रदोष व्रत सोमवार को आता है, तो यह विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
भक्तजन आज के दिन शिव-पार्वती की पूजा कर आरोग्य, धन और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। आइए जानते हैं आज का पूरा पंचांग, शुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिन के खास योग।
आज का पंचांग (भागलपुर एवं आसपास के लिए)
- दिनांक: 3 नवंबर 2025, सोमवार
- विक्रम संवत्: 2082
- शक संवत्: 1947
- माह-पक्ष: कार्तिक मास, शुक्ल पक्ष
- तिथि: त्रयोदशी रात्रि 09:16 तक, तत्पश्चात चतुर्दशी प्रारंभ
- नक्षत्र: उत्तराभाद्रपद रात्रि 08:42 तक, इसके बाद रेवती नक्षत्र आरंभ
- योग: वज्र योग (रात्रि 10:28 तक), तत्पश्चात सिद्धि योग
- करण: तैतिल करण (सुबह 09:16 तक), तत्पश्चात गर करण
- सूर्योदय: प्रातः 06:37 बजे
- सूर्यास्त: सायं 05:43 बजे
- चंद्रमा की स्थिति: मीन राशि में
- सूर्य की स्थिति: तुला राशि में
आज के शुभ मुहूर्त
- ब्राह्म मुहूर्त: 05:01 से 05:49 प्रातः
- अभिजीत मुहूर्त: 11:48 से 12:32 दोपहर
- गोधूलि मुहूर्त: 05:28 से 05:52 सायं
- प्रदोष काल: 05:30 से 08:15 सायं — शिव पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय
आज के अशुभ काल (राहुकाल एवं यमगंड)
- राहुकाल: 08:00 से 09:23 प्रातः — इस दौरान कोई नया कार्य शुरू न करें
- यमगंड: 10:47 से 12:10 दोपहर
- गुलिक काल: 13:33 से 14:56 दोपहर
आज का विशेष पर्व — सोम प्रदोष व्रत
आज सोम प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की आराधना से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
धर्मशास्त्रों के अनुसार, जो भक्त शाम के समय (प्रदोष काल में) भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं, उन्हें समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है और घर-परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
आज का ज्योतिषीय परामर्श
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, आज के दिन रेवती नक्षत्र और सिद्धि योग का संयोग कार्यसिद्धि, नए निवेश और शुभ कार्यों के लिए अनुकूल है। व्यवसाय शुरू करने, नया सौदा करने या किसी नए प्रोजेक्ट की शुरुआत के लिए यह दिन लाभकारी रहेगा।
आज का मंत्र
“ॐ नमः शिवाय”
प्रदोष काल में 108 बार इस मंत्र का जाप करने से स्वास्थ्य, धन और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
सलाह:
आज का दिन धार्मिक कार्य, दान-पुण्य और आत्म-चिंतन के लिए श्रेष्ठ है। राहुकाल से बचते हुए शुभ मुहूर्त में आरंभ किए गए कार्यों में सफलता के योग प्रबल रहेंगे।


