पटना/मोकामा: बिहार की सियासत में फिर हलचल मच गई है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के प्रत्याशी और मोकामा के बाहुबली नेता अनंत सिंह को पटना पुलिस ने देर रात बाढ़ के कारगिल इलाके से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें पटना लाया गया है और आज उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।
एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने दावा किया कि अनंत सिंह उस घटनास्थल पर मौजूद थे, जहां जन सुराज पार्टी के नेता दुलारचंद यादव की हत्या हुई थी। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि दुलारचंद यादव की मौत गोली लगने से नहीं, बल्कि टांग में गोली लगने के बाद अत्यधिक रक्तस्राव से हुई।
क्या है पूरा मामला?
दुलारचंद यादव की मौत मोकामा में जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार के दौरान हुई थी।
मृतक के पोते नीरज कुमार ने आरोप लगाया था कि “मेरे दादा की हत्या अनंत सिंह ने की है।” इसी बयान के आधार पर पुलिस ने अनंत सिंह के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की थी।
शनिवार देर रात एसएसपी के नेतृत्व में पुलिस की बड़ी टीम ने बाढ़ स्थित अनंत सिंह के आवास पर छापा मारा और बिना किसी हंगामे के उन्हें हिरासत में लिया। फिलहाल उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया जारी है।
कौन हैं अनंत सिंह?
- अनंत सिंह, बिहार की राजनीति के चर्चित नामों में से एक हैं।
- वे मोकामा विधानसभा सीट से लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं।
- लोगों के बीच उन्हें “छोटे सरकार” के नाम से जाना जाता है।
- इस बार वे जेडीयू के टिकट पर मोकामा से चुनाव मैदान में हैं।
अनंत सिंह का जन्म पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल के नदवां गांव में हुआ।
उन्होंने पहली बार 2005 में जेडीयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता, लेकिन बाद में वे राजद से भी जुड़े रहे और फिर से जेडीयू में लौट आए।
28 आपराधिक मामलों में नाम
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अनंत सिंह के खिलाफ 28 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या, रंगदारी, अपहरण और आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
इसके बावजूद वे मोकामा इलाके में मजबूत जनाधार रखने वाले नेता माने जाते हैं।
करोड़ों की संपत्ति के मालिक
नामांकन के दौरान दाखिल हलफनामे के अनुसार —
- अनंत सिंह के पास 26.66 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है।
- वहीं 11.22 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति (भूमि और मकान) के रूप में दर्ज है।
उनकी कुल संपत्ति का अनुमान करीब 38 करोड़ रुपये से अधिक है।
बाहुबली से जननेता तक
अनंत सिंह को बिहार में “बाहुबली नेता” के तौर पर पहचाना जाता है, लेकिन समर्थक उन्हें “जनता का आदमी” बताते हैं।
उनका कहना है कि वे “गरीबों की आवाज” हैं, जबकि विरोधी दलों का आरोप है कि वे भय और प्रभाव की राजनीति करते हैं।
गिरफ्तारी का सियासी असर
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच यह गिरफ्तारी जेडीयू और एनडीए के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है।
मोकामा सीट पर अनंत सिंह की पकड़ लंबे समय से रही है। अब देखना यह होगा कि गिरफ्तारी के बाद यह सीट किस ओर झुकती है — सत्ता पक्ष या विपक्ष।


