भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर डॉ. प्रीति शेखर लड़ेंगी निर्दलीय चुनाव, बोलीं – जनता का टिकट सबसे बड़ा

भागलपुर | 17 अक्टूबर 2025: भागलपुर विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला रोचक होने वाला है। भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद बिहार भाजपा की तेजतर्रार प्रवक्ता और मीडिया पैनलिस्ट डॉ. प्रीति शेखर ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा — “पार्टी ने टिकट नहीं दिया, लेकिन भागलपुर की जनता ने मुझे टिकट दे दिया है। अब मैं जनता के टिकट पर मैदान में उतरूंगी।”

इस घोषणा के साथ ही भागलपुर की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। डॉ. शेखर का नाम भाजपा की संभावित सूची में पहले से चर्चा में था, लेकिन अंतिम चरण में पार्टी ने किसी और उम्मीदवार पर दांव लगाया। इसके बाद उन्होंने समर्थकों के साथ रणनीति बैठक बुलाई।


गौशाला परिसर में समर्थकों की भीड़, बैठक में लिया गया बड़ा फैसला

शुक्रवार को भागलपुर के गौशाला परिसर में शहर के प्रमुख नागरिकों, महिला कार्यकर्ताओं और युवा समर्थकों की उपस्थिति में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में मौजूद लोगों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि डॉ. प्रीति शेखर को चुनाव मैदान में उतरना चाहिए।
सभा में माहौल पूरी तरह राजनीतिक जोश में डूबा हुआ था — समर्थक “भागलपुर की बेटी, जनता की शक्ति” के नारे लगा रहे थे।

डॉ. शेखर ने कहा —

“हम पार्टी के सिद्धांतों का सम्मान करते हैं, लेकिन जब जनता हमें बुला रही है, तो पीछे हटना अन्याय होगा। भाजपा ने टिकट नहीं दिया, पर जनता ने आशीर्वाद दे दिया। अब यह लड़ाई भागलपुर की अस्मिता और विकास की होगी।”


राजनीतिक समीकरणों में बदलाव की आहट

डॉ. प्रीति शेखर के इस फैसले ने भाजपा खेमे में चिंता बढ़ा दी है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि अगर डॉ. शेखर स्वतंत्र रूप से मैदान में उतरती हैं, तो भाजपा को वोट बिखराव का नुकसान हो सकता है।
भागलपुर सीट पर परंपरागत रूप से भाजपा मजबूत रही है, लेकिन स्थानीय असंतोष और टिकट वितरण को लेकर नाराज़गी इस बार समीकरण बिगाड़ सकती है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व ने टिकट चयन में “विजय समीकरण” को प्राथमिकता दी है, लेकिन ग्राउंड लेवल पर डॉ. शेखर की लोकप्रियता को नज़रअंदाज़ करना भाजपा के लिए भारी पड़ सकता है।


कौन हैं डॉ. प्रीति शेखर

डॉ. प्रीति शेखर बिहार भाजपा की मीडिया पैनलिस्ट हैं और पिछले एक दशक से सक्रिय राजनीति में जुड़ी हुई हैं।
वे शिक्षा और महिला सशक्तिकरण से जुड़े कई अभियानों का हिस्सा रही हैं।
भागलपुर में उनकी छवि एक पढ़ी-लिखी, संघर्षशील और ईमानदार महिला नेता के रूप में रही है।
स्थानीय लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता खासकर महिला वर्ग और युवाओं में देखी जाती है।


अब मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि डॉ. प्रीति शेखर के निर्दलीय मैदान में उतरने से भागलपुर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला तय माना जा रहा है।
भाजपा, महागठबंधन और निर्दलीय प्रत्याशी — तीनों मोर्चों पर वोट बंटने की पूरी संभावना बन रही है।
स्थानीय व्यापारियों, शिक्षाविदों और महिला संगठनों का समर्थन यदि डॉ. शेखर को मिलता है, तो चुनाव का गणित पूरी तरह बदल सकता है।


‘जनता का टिकट सबसे बड़ा’ – डॉ. शेखर का बयान वायरल

सोशल मीडिया पर डॉ. शेखर का बयान “जनता का टिकट सबसे बड़ा” तेजी से वायरल हो गया है।
कई यूजर्स इसे “राजनीतिक साहस का उदाहरण” बता रहे हैं, तो कुछ भाजपा नेतृत्व पर असंतोष भी जता रहे हैं।
इस बीच, उनके समर्थक “भागलपुर बोलेगा – प्रीति ही जीतेगी” नाम से सोशल मीडिया कैंपेन शुरू करने की तैयारी में हैं।

डॉ. प्रीति शेखर के निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने से भागलपुर की राजनीति में नई सरगर्मी है।
अब देखना यह होगा कि जनता का “टिकट” इस बार राजनीतिक टिकट पर भारी पड़ता है या नहीं।

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