पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए गठबंधन ने अपनी चुनावी रणनीति को तेज कर दिया है। भाजपा (BJP) की तीन सूचियों में अब तक 101 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जा चुके हैं। इसके बाद अब राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) यानी उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी ने भी अपनी पहली सूची जारी कर दी है।
इस सूची में 6 में से 4 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए हैं। इनमें सबसे प्रमुख नाम उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेह लता कुशवाहा का है, जिन्हें सासाराम विधानसभा सीट से मैदान में उतारा गया है।
सासाराम से स्नेह लता कुशवाहा मैदान में
पिछले कई दिनों से सासाराम सीट को लेकर चर्चा थी कि इस पर कुशवाहा परिवार का कोई बड़ा चेहरा उतारा जा सकता है। अब पार्टी ने औपचारिक ऐलान कर दिया है कि स्नेह लता कुशवाहा ही इस सीट से एनडीए की उम्मीदवार होंगी। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह रालोमो के लिए प्रतिष्ठा की सीट है क्योंकि यह पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के गृह क्षेत्र से जुड़ी मानी जाती है।
इन सीटों पर घोषित हुए उम्मीदवार
रालोमो की पहली सूची के अनुसार—
- सासाराम सीट से स्नेह लता कुशवाहा
- मधुबनी सीट से माधव आनंद
- उजरियारपुर सीट से प्रशांत कुमार पंकज
- दिनारा सीट से आलोक कुमार सिंह
पार्टी ने फिलहाल दो सीटों — बाजपट्टी और पारु — पर उम्मीदवारों का नाम घोषित नहीं किया है।
सूत्रों के अनुसार, इन दोनों सीटों पर मंथन जारी है और जल्द ही नामों की घोषणा की जाएगी।
रालोमो को मिलीं कुल 6 सीटें और एक एमएलसी का ऑफर
इस चुनाव में रालोमो को कुल 6 विधानसभा सीटें मिली हैं।
इसके अलावा एनडीए की ओर से पार्टी को एक विधान परिषद (एमएलसी) सीट भी दी गई है, जो भाजपा के कोटे से जाएगी।
राजनीतिक हलकों में इसे उपेंद्र कुशवाहा की सियासी रणनीति की बड़ी सफलता माना जा रहा है।
एनडीए का समीकरण अब लगभग तय
रालोमो की सूची जारी होने के बाद अब एनडीए के उम्मीदवारों की तस्वीर लगभग साफ हो गई है। भाजपा ने पहले ही 101 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जबकि जदयू ने भी अपनी सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। रालोमो की एंट्री से एनडीए का गठबंधन समीकरण और मजबूत व संतुलित दिख रहा है।
सासाराम बनेगा हाई-वोल्टेज मुकाबले का केंद्र
सासाराम विधानसभा सीट इस बार सबसे चर्चित सीटों में से एक रहने वाली है। स्नेह लता कुशवाहा के मैदान में उतरने से यहां मुकाबला दिलचस्प हो गया है। विपक्ष भी इस सीट से किसी मजबूत उम्मीदवार को उतारने की तैयारी कर रहा है, जिससे सासाराम की लड़ाई एनडीए बनाम महागठबंधन का सशक्त संघर्ष बन सकती है।


