बिहार चुनाव: नीतीश के घर में चली लंबी बैठक, सीट शेयरिंग पर अटके एनडीए के पेंच

आज शाम हो सकती है एनडीए नेताओं की अहम मीटिंग, जदयू ने पहले चरण के उम्मीदवारों की सूची को दिया अंतिम रूप

पटना।बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद एनडीए में मंथन का दौर तेज हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आवास पर जदयू के वरिष्ठ नेताओं के साथ लंबी बैठक की, जिसमें उम्मीदवारों के चयन और सीट बंटवारे पर चर्चा हुई।
बैठक में संजय झा, ललन सिंह, विजय कुमार चौधरी और उमेश कुशवाहा मौजूद रहे। माना जा रहा है कि आज शाम तक एनडीए घटक दलों की एक संयुक्त बैठक भी हो सकती है।
बैठक के बाद कई नेता पीछे के गेट से बाहर निकलते देखे गए, जिससे अंदरूनी खींचतान की अटकलें और तेज हो गई हैं।


पहले चरण की सीटों पर फाइनल चर्चा

बुधवार को भी नीतीश कुमार ने वरिष्ठ नेताओं के साथ पहले चरण के उम्मीदवारों के नामों पर मंथन किया था।
सूत्रों के मुताबिक, आज की बैठक में पहले चरण की सूची को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है।
वहीं, बीजेपी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान भी अपने-अपने दलों के साथ लगातार बैठकों में जुटे हैं।


सीट बंटवारे पर फंसा पेंच

एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर स्थिति अब भी साफ नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी की मांगों के चलते बातचीत जटिल हो गई है।
जदयू 110 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है, लेकिन मौजूदा समीकरणों के हिसाब से उसे 102 से 103 सीटें ही मिल सकती हैं।
बीजेपी इन सभी घटक दलों के बीच समझौते का फार्मूला तैयार करने में जुटी है।


2020 के चुनाव से सबक

2020 के विधानसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) के अलग चुनाव लड़ने से जदयू को बड़ा नुकसान हुआ था।
115 सीटों पर उम्मीदवार देने के बावजूद पार्टी केवल 43 सीटों पर सिमट गई थी।
इस बार नीतीश कुमार हार चुके उम्मीदवारों के टिकट काटने पर विचार कर रहे हैं।
हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार आमतौर पर सिटिंग विधायकों के टिकट नहीं काटते, इसलिए कई मंत्री और विधायक दोबारा मैदान में उतर सकते हैं।


चिराग की मांगें बनीं नई मुश्किल

चिराग पासवान ने बीजेपी को 25 विधानसभा सीटों की सूची सौंपी है और साथ ही एक विधान परिषद और एक राज्यसभा सीट की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार, चिराग जदयू की कुछ मौजूदा सीटों पर भी दावा कर रहे हैं।
बीजेपी फिलहाल उन्हें 20 से 25 सीटें देने पर विचार कर रही है।
इसी वजह से एनडीए की बैठकें लगातार खिंच रही हैं।


अन्य सहयोगी दलों की हिस्सेदारी

जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को लगभग 8 सीटें, जबकि उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक जनता दल को 6 से 7 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है।
बीजेपी खुद 102-103 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।
एनडीए नेताओं का कहना है कि सीट बंटवारे पर सहमति जल्द बन जाएगी।


महागठबंधन की घोषणा पर भी सबकी नजर

एनडीए की रणनीति फिलहाल महागठबंधन की सीट शेयरिंग घोषणा पर भी टिकी है।
महागठबंधन में वीआईपी पार्टी की हिस्सेदारी और डिप्टी सीएम पद को लेकर मतभेद चल रहे हैं, जिसकी वजह से घोषणा में देरी हो रही है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि दोनों गठबंधन यह देखना चाहते हैं कि पहले कौन सीटों की घोषणा करता है।


अधिसूचना से पहले बढ़ी हलचल

10 अक्टूबर को चुनाव अधिसूचना जारी हो जाएगी और नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
इससे पहले एनडीए के सभी घटक दलों के बीच सहमति बनना बेहद जरूरी है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि आज का दिन एनडीए के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।


 

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