भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के पावर स्टार पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को सुबह पवन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी पत्नी पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिसके जवाब में शाम को ज्योति सिंह मीडिया के सामने आईं और पवन सिंह के सभी आरोपों का एक-एक करके जवाब दिया।
ज्योति सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पवन सिंह पर कई सेंसशनल आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पवन सिंह का यह कहना गलत है कि वह बच्चे के लिए तरस रहे हैं। ज्योति के मुताबिक,
“पवन जी खुद मुझे गर्भपात की दवा खिलाते थे। मैं विरोध करती थी और कहती थी कि मैं आपकी पत्नी हूं, क्यों दवा खाऊं। मेरे शरीर पर इसका बुरा असर हो रहा था, फिर भी वो जबरन दवा खिलाते थे। इसी तनाव के चलते मैंने एक बार नींद की गोलियां खा ली थीं और तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।”
उन्होंने आगे कहा कि,
“अगर पवन जी मुझे अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करते हैं तो मैं चुनाव नहीं लड़ूंगी। लेकिन अगर वह मुझे पत्नी के रूप में नहीं मानते, तो मैं मजबूरन चुनाव मैदान में उतरूंगी।”
“15 साल पार्टी में रही, लेकिन टिकट नहीं मिला”
ज्योति सिंह ने पवन सिंह के भाजपा से संबंधों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि,
“पवन सिंह 15 साल से पार्टी में स्टार प्रचारक के रूप में काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक खुद टिकट नहीं मिला। ऐसे में वह मुझे क्या टिकट दिलाएंगे? पहले अपने लिए तो टिकट ले लें।”
“बच्चे की बात करने वाले ने खुद खिलाई दवा”
उन्होंने पवन सिंह के “बच्चे के लिए तरसने” वाले बयान का विरोध करते हुए कहा कि,
“जो व्यक्ति सच में बच्चों के लिए तरसता है, वो अपनी पत्नी को गर्भपात की दवा नहीं खिलाता। पवन जी ने मुझे कई बार जबरन दवा दी। मैं किसी को बदनाम नहीं कर रही, बस सच्चाई रख रही हूं।”
ज्योति ने यह भी बताया कि जब वह इसका विरोध करती थीं, तब उन्हें इतना टॉर्चर किया गया कि उन्होंने नींद की गोलियां खा लीं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
“काराकाट से चुनाव लड़ने की तैयारी”
ज्योति सिंह ने कहा कि अगर उन्हें पार्टी से टिकट मिला, तो वह काराकाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा,
“पवन जी लोकसभा चुनाव हारने के बाद कभी वहां नहीं गए। उन्होंने काराकाट की जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। अगर पार्टी टिकट देती है, तो मैं वहीं से चुनाव लड़ूंगी, लेकिन फिलहाल पार्टी का नाम बताना उचित नहीं समझती।”
“कोर्ट केस के बीच दोबारा साथ रखा”
ज्योति ने यह भी सवाल उठाया कि,
“जब लोकसभा चुनाव के दौरान पवन जी ने मुझे बुलाया था, तब कोर्ट में केस नहीं था क्या? उन्होंने दोबारा मेरे मांग में सिंदूर डाला, तब कोर्ट में केस नहीं था क्या? पति-पत्नी की तरह साथ रखा, तब भी कोर्ट केस था। फिर अब वही बात क्यों उठाई जा रही है?”


