अक्टूबर में मछली पालकों के लिए जरूरी गाइडलाइन जारी, विशेषज्ञों ने दी देखभाल की सलाह

पटना, 04 अक्टूबर 2025:बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने अक्टूबर माह में मछली पालन करने वाले किसानों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विभाग का कहना है कि तालाब की मछलियों की सेहत और उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए पालक इन सावधानियों का पालन करें।

मुख्य सलाह और उपाय:

  • मछली के पूरक आहार का प्रयोग कुल वजन के 2 से 3 प्रतिशत की दर से करें।
  • तालाब के पानी में चूना पीएच के अनुसार प्रति माह 15-20 किग्रा/एकड़ की दर से विशेषज्ञ की सलाह से डालें।
  • तालाब में बाहरी पानी (नाले का पानी) न आने दें, ताकि बीमारी का संक्रमण न फैले।
  • कीड़ा और आग्रुलस के संक्रमण को रोकने के लिए विशेषज्ञ की सलाह से दवा का प्रयोग करें।
  • पूरक आहार में 10 ग्राम नमक प्रति किलोग्राम भोजन मिलाकर 10 दिन लगातार खिलाएं।
  • पोटेशियम परमैगनेट का प्रयोग माह में एक बार 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से करें।
  • पूरक आहार देने का समय सुबह 10 बजे और शाम 4 बजे निर्धारित करें।

तालाब का रख-रखाव और सफाई:

  • तालाब का पानी अत्यधिक हरा होने पर चूना एवं रासायनिक खाद का प्रयोग बंद करें।
  • पानी अधिक हरा होने पर 800 ग्राम कॉपर सल्फेट या 20 किग्रा फिटकरी प्रति एकड़ की दर से 100 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
  • मछलियों को फफूंद और पारासाइटिक संक्रमण से बचाने के लिए 40 किग्रा नमक प्रति एकड़ की दर से 100 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
  • तालाब में पानी का स्तर 6 से 8 फीट के बीच संतुलित रखें।
  • तालाब के चारों तरफ सफाई और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

विभाग ने मछली पालकों से आग्रह किया है कि इन निर्देशों का पालन करें ताकि मछलियों की सेहत सुरक्षित रहे और उत्पादन में वृद्धि हो।


 

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