
पटना, 17 जून 2025 — बिहार सरकार ने राज्य के क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में राज्य के 6 छोटे हवाई अड्डों को पुनर्जीवित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। ये सभी एयरपोर्ट केंद्र सरकार की उड़ान (UDAN) योजना के तहत विकसित किए जाएंगे।
किन हवाई अड्डों का होगा पुनर्विकास?
कैबिनेट की मंजूरी के अनुसार, जिन हवाई अड्डों को उड़ान योजना के तहत विकसित किया जाएगा, वे हैं:
- मधुबनी
- वीरपुर (सुपौल)
- मुंगेर
- वाल्मीकिनगर (पश्चिम चंपारण)
- मुजफ्फरपुर
- सहरसा
ये सभी एयरपोर्ट वर्तमान में सक्रिय नहीं हैं या सीमित सेवाएं उपलब्ध हैं। इनके पुनर्विकास से संबंधित एमओयू (MoU) को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) और बिहार सरकार के बीच स्वीकृति दे दी गई है।
क्या है उड़ान योजना?
उड़े देश का आम नागरिक (UDAN) योजना भारत सरकार की फ्लैगशिप योजना है, जिसका उद्देश्य छोटे और मंझोले शहरों को हवाई सेवाओं से जोड़ना और हवाई यात्रा को सस्ती और सुलभ बनाना है। इस योजना के तहत उन क्षेत्रों में हवाई कनेक्टिविटी लाई जाती है जो अभी तक विमान सेवाओं से वंचित हैं।
राज्य के हर कोने तक पहुंचे विकास: नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले भी कई बार यह कहा है कि,
“विकास तभी सार्थक है, जब वह राज्य के हर कोने तक पहुंचे।”
इस निर्णय के बाद राज्य के पिछड़े और दूरस्थ इलाकों को देश के हवाई नेटवर्क से जोड़ने में मदद मिलेगी, जिससे आम जनता को सुविधा तो मिलेगी ही, साथ ही पर्यटन, निवेश और औद्योगिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा।
इन क्षेत्रों का क्या है महत्व?
- मधुबनी और वाल्मीकिनगर — पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर से समृद्ध
- मुजफ्फरपुर और मुंगेर — शैक्षणिक, औद्योगिक और व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण
- सहरसा और वीरपुर — कोसी और सीमांचल क्षेत्र की कनेक्टिविटी को मिलेगा नया आयाम
कैबिनेट में कुल 20 प्रस्तावों पर लगी मुहर
इस अहम बैठक में बिहार सरकार ने कुल 20 प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिनमें यह एयरपोर्ट पुनर्विकास योजना सबसे अहम मानी जा रही है। यह फैसला बिहार के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने और संतुलित क्षेत्रीय विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।