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भागलपुर (बिहार): जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में आतंकी हमले में शहीद हुए बिहार के लाल, संतोष यादव को गुरुवार को उनके गांव में अंतिम विदाई दी गई। गांव के पास गंगा किनारे उनका अंतिम संस्कार किया गया, जहां उनके 4 साल के बेटे लक्ष्य ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस भावुक पल को देखकर हर किसी की आंखें भर आईं।

अंतिम संस्कार से पहले शहीद की तीनों बेटियों ने उन्हें सैल्यूट किया। सेना के अधिकारियों ने शहीद की वर्दी उनकी बड़ी बेटी दीक्षा को दी, जो वर्दी से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगी।

शहीद की पत्नी साधना देवी अपने पति की पार्थिव देह से लिपटकर बार-बार यही कहती रहीं—“वो अफसर बनने वाले थे… 1 अक्टूबर को प्रमोशन था… वर्दी पर स्टार लगने वाला था।”

गांव उमड़ा, भारत माता के नारों से गूंजा माहौल
संतोष यादव का अंतिम संस्कार भागलपुर के इस्माइलपुर गांव से करीब 1 किलोमीटर दूर गंगा घाट पर किया गया। सुबह से ही हजारों लोग जुटने लगे थे। जब फूलों से सजी सेना की गाड़ी में शहीद की पार्थिव देह गांव पहुंची, तो हर सड़क, हर मोड़ पर लोग हाथों में तिरंगा लिए खड़े थे। भारत माता के नारों से आसमान गूंज उठा। कुछ लोगों ने छतों से फूल बरसाए।

बेटा बोला – पापा से बात करवाओ
पिता की पार्थिव देह देखकर 4 साल का बेटा लक्ष्य बेसुध हो गया। वह लोगों से कहता रहा, “पापा से बात करवाओ, वो उठ क्यों नहीं रहे?” यह दृश्य इतना मार्मिक था कि वहां मौजूद हर आंख नम हो गई।

सेना और प्रशासन ने दी श्रद्धांजलि
सेना के जवानों ने शहीद संतोष यादव को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। सेना और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद के भाई अभिनव कुमार ने बताया कि संतोष यादव आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए। वे 4 साल बाद रिटायर होने वाले थे और चाहते थे कि उनका बड़ा बेटा भी सेना में जाए।