दिल्ली-यूपी-बिहार में लू का टॉर्चर जारी, जानें देशभर में कैसा है मौसम

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भारतीय मौसम विभाग ने 13 जून तक दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, बिहार और झारखंड के लिए लू का अलर्ट जारी किया है.

मुख्य तथ्य

  • दिल्ली-यूपी-बिहार में लू का टॉर्चर जारी
  • महाराष्ट्र-कर्नाटक में भारी बारिश की चेतावनी
  • जानें देश की मौसमी गतिविधियां

देश में मानसून ने अपनी गति पकड़ ली है, लेकिन उत्तर भारत के कई राज्य अभी भी भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं. भारतीय मौसम विभाग ने 13 जून तक दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, बिहार और झारखंड के लिए लू का अलर्ट जारी किया है. वहीं, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, अरुणाचल प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है.

दिल्ली का मौसम

दिल्ली में एक बार फिर से हीटवेव की स्थिति बन गई है. मौसम विभाग ने 16 जून तक दिल्ली में लू की चेतावनी जारी की है. इस दौरान दिन का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस सप्ताह के दौरान दिल्ली का अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान 30 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है.

देश के मौसम का हाल

आपको बता दें कि मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार, अगले 24 घंटों में दक्षिण कोंकण गोवा, दक्षिण मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, और तटीय कर्नाटक में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है. इसके अलावा, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है.

वहीं सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत, दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. इसके साथ ही दक्षिण ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, दक्षिण गुजरात, और दक्षिण-पूर्व राजस्थान में हल्की बारिश हो सकती है. मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में लू की स्थिति बनी रह सकती है. पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में लू से लेकर भीषण लू चलने की संभावना है.

देश की मौसमी गतिविधियां

इसके साथ बता दें कि स्काईमेट के अनुसार, मानसून की उत्तरी सीमा 16.5N/60E, 16.5N/65E, 16 डिग्री E/70 डिग्री उत्तर. गोवा (मोरमुंगाओ), नारायणपेट, नरसापुर, 17E/85N, 19.5E/88N, 21.5E/90N, 23E/89.5N और इस्लामपुर से गुजर रही है. वहीं, मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में पश्चिमी विक्षोभ, जिसकी पहुंच औसत समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर है, अब लगभग 70 डिग्री पूर्व से अक्षांश 28° उत्तर के उत्तर में चल रहा है.

पश्चिम उत्तर प्रदेश में औसत समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. मराठवाड़ा और इसके आसपास के क्षेत्रों में एक और चक्रवाती परिसंचरण स्थित है. पूर्वोत्तर असम पर भी एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. पूर्वी बिहार के ऊपर भी एक चक्रवाती परिसंचरण है, जो समुद्र तल से 3.1 से 7.6 किलोमीटर ऊपर 18 डिग्री उत्तरी अक्षांश पर फैला हुआ है.

व्यापक मौसमी प्रभाव

इस समय देश के विभिन्न हिस्सों में भिन्न-भिन्न मौसमी परिस्थितियां देखी जा रही हैं, जहां एक ओर उत्तर भारत के कई राज्य प्रचंड गर्मी और लू का सामना कर रहे हैं, वहीं दक्षिण और पूर्वी भारत के कई क्षेत्रों में भारी बारिश का दौर चल रहा है. महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, अरुणाचल प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हो सकता है.

वहीं मौसम विज्ञानियों के अनुसार, मानसून की उत्तरी सीमा और चक्रवाती परिसंचरण की मौजूदा स्थिति से देश के विभिन्न हिस्सों में आगामी दिनों में भी विभिन्न प्रकार की मौसमी गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं. ऐसे में मौसम विभाग और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी की जाने वाली चेतावनियों और सलाहों का पालन करना जरूरी है.

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