“पुरानी योजनाओं पर कोई रोक नहीं”— विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दूर की गलतफहमियां

पटना। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आज सरकारी योजनाओं और चुनाव आयोग की घोषणा को लेकर उठे सवालों पर संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने साफ कहा कि चुनाव आयोग की घोषणा केवल नई योजनाओं पर प्रभाव डालती है, जबकि पहले से चल रही योजनाओं के संचालन में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती।

नई योजनाओं पर केवल ‘आर्थिक लाभ’ देने की रोक

मंत्री ने बताया कि आचार संहिता लागू होने के बाद उन योजनाओं पर रोक लगती है, जिनमें नई शुरुआत के साथ किसी व्यक्ति या समूह को तत्काल आर्थिक लाभ दिए जाने की संभावना हो।
उन्होंने स्पष्ट किया—
“चुनाव आयोग की घोषणा का उद्देश्य केवल नई योजनाओं के दुरुपयोग को रोकना है। पुरानी योजनाएँ पूरी तरह जारी रहती हैं।”

उन्होंने कहा कि कई सदस्यों में इस विषय को लेकर भ्रम है, इसलिए आवश्यक था कि सदन में इसे स्पष्ट किया जाए।

सदन में विपक्ष की टिप्पणी, स्पीकर ने दी चेतावनी

जब मंत्री अपनी बात रख रहे थे, उस दौरान विपक्षी सदस्यों ने बीच में टिप्पणी शुरू कर दी।
मंत्री ने शांत स्वर में कहा—
“पहले मेरी बात पूरी सुन लीजिए, फिर आप लोग सवाल पूछिए।”

स्पीकर प्रेम कुमार भी बीच में हस्तक्षेप करते हुए विपक्ष को अनुशासन का पालन करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा—
“बिना अनुमति बोलना सदन की मर्यादा का उल्लंघन है। सभी सदस्य नियमों का पालन करें।”

पुरानी योजनाओं पर असर नहीं—उदाहरण देकर समझाया

विजय कुमार चौधरी ने उदाहरण देते हुए कहा कि लाखों सरकारी कर्मचारियों का वेतन चुनाव आयोग की घोषणा के बाद भी जारी होता है।
उन्होंने कहा—
“यदि पुरानी योजनाओं पर रोक होती तो वेतन, पेंशन, छात्रवृत्ति और अन्य जारी योजनाएँ बंद हो जातीं। लेकिन ऐसा नहीं होता क्योंकि ये योजनाएँ पहले से संचालित हैं।”

मंत्री ने यह भी याद दिलाया कि इस विषय पर कोर्ट का निर्णय स्पष्ट है—
“जो योजना आचार संहिता लागू होने से पहले शुरू हो चुकी है, उसे जारी रखने में किसी प्रकार की कानूनी रोक नहीं है।”

विपक्ष ने जताई आपत्ति, मंत्री ने शांतिपूर्वक दी सफाई

कुछ विपक्षी विधायकों ने मंत्री के बयान को लेकर सवाल उठाए, लेकिन चौधरी ने संयमित और तर्कपूर्ण तरीके से उन्हें समझाया कि चुनाव आयोग की मंशा प्रशासनिक पारदर्शिता सुनिश्चित करना है, न कि पहले से चल रही योजनाओं को रोकना।

उन्होंने कहा—
“सरकार का उद्देश्य जनता को समय पर लाभ देना है। गलतफहमी के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा नहीं आनी चाहिए।”

सदस्यों को नियमों की जानकारी रखने की सलाह

मंत्री ने सदन से आग्रह किया कि सभी सदस्य आचार संहिता और सरकारी योजनाओं के नियमों की जानकारी रखें, ताकि अनावश्यक वाद-विवाद और भ्रम न पैदा हो।
उन्होंने कहा—
“पुरानी योजनाएँ चलती रहेंगी, कोई रोक नहीं है। केवल नई योजनाओं में आर्थिक लाभ देने पर आचार संहिता लागू होने पर प्रतिबंध रहता है।”

स्पीकर ने सदस्यों को आश्वस्त किया

स्पीकर प्रेम कुमार ने कहा कि सदन में हर सदस्य को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन यह अधिकार नियमों और मर्यादा के भीतर ही उपयोग किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सदन का काम सुचारू रूप से चलना चाहिए ताकि सरकार और विपक्ष दोनों की बातें सामने आ सकें।

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