पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच लालू परिवार के दो लालों — तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव — के बीच सीधी जंग का मंच तैयार हो गया है।
महुआ विधानसभा क्षेत्र से अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल के उम्मीदवार के रूप में लड़ रहे तेजप्रताप यादव के खिलाफ अब तेजस्वी यादव खुद प्रचार करने उतरने वाले हैं।
रविवार को तेजस्वी यादव न सिर्फ महुआ, बल्कि मोकामा में भी जनसभाएं करेंगे — जहां हाल ही में दुलारचंद यादव की हत्या के बाद राजनीतिक माहौल गर्म है।
महुआ में भाई बनाम भाई की जंग
रविवार को वैशाली जिले के महुआ विधानसभा क्षेत्र में तेजस्वी यादव की जनसभा प्रस्तावित है। यह वही सीट है जहां से उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव अपनी नई पार्टी से किस्मत आजमा रहे हैं।
वहीं, आरजेडी ने इस सीट पर अपने मौजूदा विधायक मुकेश रौशन को फिर से मैदान में उतारा है।
तेजस्वी यादव रविवार को अपनी पार्टी के उम्मीदवार मुकेश रौशन के समर्थन में सभा करेंगे। इसका मतलब है कि वे प्रत्यक्ष रूप से अपने बड़े भाई तेजप्रताप के खिलाफ प्रचार करेंगे — जिससे लालू परिवार की आंतरिक सियासी जंग खुलकर सामने आ गई है।
तेजप्रताप की चेतावनी — “तेजस्वी राघोपुर आए तो मैं डोर-टू-डोर जाऊंगा”
तेजप्रताप यादव पहले ही तेजस्वी को खुली चेतावनी दे चुके हैं।
उन्होंने कहा था —
“अगर तेजस्वी मेरी सीट महुआ में प्रचार करने आएंगे, तो मैं राघोपुर जाकर डोर-टू-डोर कैंपेन करूंगा।”
तेजप्रताप यादव ने राघोपुर सीट से भी अपनी पार्टी का उम्मीदवार खड़ा किया है।
उनका दावा है कि उनका प्रत्याशी “सबसे पढ़ा-लिखा और समझदार उम्मीदवार” है, जो तेजस्वी को कड़ी टक्कर देगा।
मोकामा में अनंत सिंह को ललकारेंगे तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव रविवार को मोकामा विधानसभा क्षेत्र में भी जनसभा करेंगे। यह वही सीट है, जहां हाल ही में दुलारचंद यादव की मौत के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। पूरे इलाके में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है।
आरजेडी ने मोकामा से बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को प्रत्याशी बनाया है। तेजस्वी यादव की जनसभा में वे अनंत सिंह पर सीधा हमला बोलने की तैयारी में हैं।
सियासी हलचल तेज, परिवार में बढ़ी खींचतान
तेजस्वी और तेजप्रताप की अलग-अलग सियासी राहें अब टकराव में बदल चुकी हैं। जहां तेजस्वी आरजेडी का चेहरा बनकर बिहार की सत्ता की ओर बढ़ रहे हैं, वहीं तेजप्रताप अपनी नई पार्टी को स्थापित करने की कोशिश में जुटे हैं।
रविवार का दिन बिहार की राजनीति के लिए निर्णायक साबित हो सकता है — क्योंकि एक ओर परिवार के भीतर राजनीतिक मुकाबला होगा, तो दूसरी ओर मोकामा में अनंत सिंह बनाम आरजेडी की जंग सियासी पारा और बढ़ाएगी।


