पटना | बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे घोषित हो गए हैं। इस बार मतदाताओं ने एक बार फिर एनडीए को भारी बहुमत देकर सत्ता में वापसी कराई है। महागठबंधन का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और कई प्रमुख उम्मीदवार अपनी सीट तक नहीं बचा सके।
महुआ से तेजप्रताप यादव की बड़ी हार
महागठबंधन के सबसे बड़े झटकों में से एक रहा जनशक्ति जनता दल (JJD) के सुप्रीमो तेजप्रताप यादव की करारी हार।
महुआ सीट से LJP (RV) के उम्मीदवार संजय कुमार सिंह ने 44,997 मतों के अंतर से जीत दर्ज की।
उन्हें कुल 87,641 वोट मिले, जबकि तेजप्रताप यादव को केवल 35,703 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे।
तेजप्रताप कुल 51,938 वोटों से पराजित हुए।
आरजेडी के उम्मीदवार मुकेश रौशन भी सीट नहीं बचा सके और पीछे रह गए।
हार के बाद तेजप्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर विस्तृत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे जनादेश को सिर-माथे पर स्वीकार करते हैं।
उन्होंने लिखा—
“हमारी हार में भी जनता की जीत छिपी है। बिहार ने साफ संदेश दे दिया है कि अब राजनीति परिवारवाद की नहीं, सुशासन और शिक्षा की होगी।”
उन्होंने अपने ही दल के अंदरूनी कलह पर कटाक्ष करते हुए कहा—
“ये जयचंदों की करारी हार है। इन जयचंदों ने RJD को भीतर से खोखला कर दिया। इसी वजह से आज तेजस्वी फेलस्वी हो गया।”
तेजप्रताप ने दावा किया कि वे हारकर भी जीते हैं क्योंकि “जनता का प्रेम और आशीर्वाद” उनके साथ है।
एनडीए नेतृत्व की तारीफ़
तेजप्रताप यादव ने अपनी लंबी प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा नेता धर्मेंद्र प्रधान की तारीफ़ करते हुए कहा—
“यह जीत माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व, नीतीश कुमार जी के सुशासन और अमित शाह जी की कूटनीति का परिणाम है।”
उन्होंने एनडीए की पाँचों पार्टियों के गठबंधन को “पाँच पांडव” बताते हुए कहा कि इस एकता ने जीत सुनिश्चित की।
“जनता की सेवा जारी रखूँगा”—तेजप्रताप
तेजप्रताप यादव ने यह भी कहा कि महुआ की जनता से किए गए वादों को पूरा करने का प्रयास वे जारी रखेंगे—
“चाहे मैं विधायक बनूँ या नहीं, मेरे दरवाज़े जनता के लिए हर समय खुले रहेंगे।”
उन्होंने बिहार की “युवा शक्ति और मातृशक्ति” को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे और मजबूत होकर वापसी करेंगे।


