निर्माण कार्यों को मिलेगी रफ्तार, सरकार को राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद
पटना: बिहार में लगभग तीन महीने की रोक के बाद अब फिर से बालू खनन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। खान एवं भू-तत्व विभाग ने घोषणा की है कि 16 अक्टूबर से राज्य के विभिन्न जिलों की नदियों में करीब 300 घाटों से खनन की अनुमति दी जाएगी।इन घाटों में पीला और सफेद बालू दोनों की उपलब्धता रहेगी, जिससे राज्य में निर्माण कार्यों को आवश्यक सामग्री आसानी से मिल सकेगी।
मानसून के बाद फिर शुरू हो रहा खनन कार्य
जानकारी के अनुसार, मानसून शुरू होने से पहले 15 जून तक 180 घाटों से बालू खनन किया जा रहा था, जिनमें से 18 घाट सफेद बालू के थे। मानसून अवधि के दौरान पर्यावरणीय कारणों से खनन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि इस बीच विभाग ने बचे हुए घाटों की नीलामी, अनुमति और पर्यावरणीय मंजूरी की प्रक्रिया जारी रखी।
सुरक्षित और पारदर्शी खनन पर जोर
इस बार बालू खनन के साथ ही विभाग ने अवैध खनन, ढुलाई और बिक्री पर कड़ी निगरानी के निर्देश दिए हैं।
खनन स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन तकनीक की मदद से सतत निगरानी की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य खनन प्रक्रिया को पारदर्शी, नियमानुसार और पर्यावरण-अनुकूल बनाना है।
राजस्व में होगी बढ़ोतरी
विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस सत्र में लगभग तीन सौ घाटों से खनन होने पर राज्य सरकार को राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। विभाग ने खनन की सभी प्रशासनिक और तकनीकी तैयारियां पूरी कर ली हैं। अनुमति, नीलामी और पर्यावरणीय मंजूरी की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
राज्य की अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
बालू खनन का यह नया चरण निर्माण कार्यों की गति बढ़ाने के साथ-साथराज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा।
विभाग द्वारा की जा रही निगरानी और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नदियों की प्राकृतिक संरचना और पर्यावरणीय संतुलन पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
राजस्व और विकास – दोनों को बढ़ावा
खान एवं भू-तत्व विभाग का यह कदम बिहार में
राजस्व संवर्धन, निर्माण सामग्रियों की आपूर्ति और पर्यावरणीय संतुलन – तीनों के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।राज्य प्रशासन और विभागीय अधिकारियों ने 16 अक्टूबर से खनन पुनः शुरू करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।


