पटना: आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया जारी है। इस बीच, इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। चुनाव आयोग पर विपक्ष के लगातार हमलों के बीच, जदयू सांसद संजय झा ने गुरुवार को ‘एक से अधिक वोटर आईडी’ रखने के मामले को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव पर सीधा निशाना साधा।
मीडिया से बात करते हुए संजय झा ने कहा,
“दो वोटर कार्ड रखना अपराध है। केवल संविधान का होना ही पर्याप्त नहीं है, इसे पढ़ना और समझना भी ज़रूरी है। एसआईआर इसी समस्या को हल करने का काम कर रहा है। प्रत्येक नागरिक सिर्फ एक ही वोटर आईडी का हकदार है।”
उन्होंने चल रहे पुनरीक्षण अभियान का बचाव करते हुए दावा किया कि इस प्रक्रिया को लेकर बिहार में न तो कोई अशांति है और न ही भ्रम।
“सिर्फ़ दिल्ली से शोर सुनाई दे रहा है, जहां लोग संसद में हंगामा कर रहे हैं। यहां बिहार में नागरिक शांतिपूर्वक मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने या सुधारने के लिए फ़ॉर्म भर रहे हैं,” झा ने कहा।
तेजस्वी यादव का आरोप
यह बयान उस समय आया है जब तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर मतदाता सत्यापन प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया था। तेजस्वी का दावा है कि उनका ईपीआईसी (EPIC) नंबर भी बदल दिया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि बिहार में कितने मतदाताओं के साथ ऐसा हुआ है और चुनाव आयोग से इसका डेटा सार्वजनिक करने की मांग की।
“अगर यह मेरे साथ हो सकता है, तो किसी के साथ भी हो सकता है,” तेजस्वी ने कहा।
तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि संशोधन प्रक्रिया के दौरान कई मतदाताओं के वोटर आईडी नंबर बदल दिए गए, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से इस पर स्पष्टीकरण देने की मांग की।
क्या है एसआईआर?
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) चुनाव आयोग की एक नियमित प्रक्रिया है, जिसमें मतदाता सूची को अपडेट किया जाता है। इसमें नए पात्र मतदाताओं के नाम जोड़े जाते हैं, मृत या स्थानांतरित हो चुके मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं और आवश्यक सुधार किए जाते हैं।
विधानसभा चुनाव नज़दीक आने के साथ ही यह मुद्दा अब राजनीतिक बहस का केंद्र बन चुका है, और आने वाले दिनों में इसके और गरमाने की संभावना है।


