नई दिल्ली, 18 नवंबर 2025:
आज का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि आज सुबह 7:13 बजे तक रहेगी, जिसके बाद चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी।
आज का दिन स्वाती नक्षत्र, आयुष्मान योग और मासिक शिवरात्रि व्रत के कारण विशिष्ट योग बना रहा है। भक्त व्रत-पूजा कर भगवान शिव की आराधना करते हैं और शुभ फल की कामना करते हैं।
आज का पंचांग — 18 नवंबर 2025
🔹 तिथि
- त्रयोदशी — प्रातः 7:13 तक
- चतुर्दशी — त्रयोदशी के बाद प्रारंभ
🔹 विक्रमी संवत: 2082 (मार्गशीर्ष प्रविष्टे 3)
🔹 राष्ट्रीय शक संवत: 1947
🔹 हिजरी कैलेंडर: 1447, महीना — जमादि-उल-अव्वल, तारीख 26
सूर्योदय-सूर्यास्त
- सूर्योदय: प्रातः 7:02 बजे
- सूर्यास्त: सायं 5:24 बजे
नक्षत्र
- स्वाती नक्षत्र — पूरा दिन और पूरी रात
स्वाती नक्षत्र को परिवर्तन, स्वतंत्रता और नए अवसरों का नक्षत्र माना जाता है। आज निर्णय लेते समय चित्त स्थिर रखें।
योग
- आयुष्मान योग — प्रातः 8:09 बजे तक
- सौभाग्य योग — इसके बाद प्रारंभ
सौभाग्य योग दान, पूजन, यात्रा और महत्वपूर्ण कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।
चंद्रमा
- तुला राशि में पूरे दिन–रात
तुला राशि में चंद्रमा संतुलन, सामाजिकता और संबंधों को प्रभावित करता है।
भद्रा
- प्रातः 7:13 बजे से रात 8:28 बजे तक
भद्रा काल में शुभ कार्यों से बचना चाहिए, लेकिन धार्मिक कार्य किए जा सकते हैं।
दिशा शूल
- उत्तर एवं वायव्य दिशा के लिए अशुभ
इन दिशाओं में यात्रा टालना बेहतर। आवश्यकता होने पर दही या अदरक खाकर यात्रा शुरू करें।
राहूकाल
- दोपहर 3:00 बजे से 4:30 बजे तक
इस समय नए कार्यों की शुरुआत वर्जित मानी जाती है।
आज का पर्व / त्यौहार
मासिक शिवरात्रि व्रत
मार्गशीर्ष माह की मासिक शिवरात्रि आज है। भक्त जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और शिव उपासना करते हैं। व्रत रखने से मनोकामनाएँ पूर्ण होने का विश्वास है।
ग्रहों की स्थिति
आज ग्रहों की स्थिति इस प्रकार है—
- सूर्य — वृश्चिक में
- चंद्रमा — तुला में
- मंगल — वृश्चिक में
- बुध — वृश्चिक में
- गुरु — कर्क में
- शुक्र — तुला में
- शनि — मीन में
- राहू — कुंभ में
- केतु — सिंह में
वृश्चिक राशि में सूर्य, मंगल और बुध का संयोग ऊर्जा, दृढ़ता और तीव्रता बढ़ा रहा है, जबकि तुला में चंद्रमा–शुक्र का मेल रिश्तों और सौंदर्य के क्षेत्र में शुभ संकेत देता है।
आज का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत फलदायी
स्वाती नक्षत्र, मास शिवरात्रि, सौभाग्य योग और चतुर्दशी तिथि का संगम आज का दिन विशेष रूप से शुभ बनाता है। शिव उपासना और ध्यान-पूजन के लिए यह दिन श्रेष्ठ है।
आपका दिन मंगलमय हो!

