बिहार में बिजली दरों में बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। साउथ और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए 35 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करने का प्रस्ताव बिहार विद्युत विनियामक आयोग को भेजा है।
आयोग इस प्रस्ताव पर राज्य के विभिन्न जिलों में जनसुनवाई करेगा।
- 12 जनवरी: बेगूसराय कलेक्ट्रेट
- 19 जनवरी: गया कलेक्ट्रेट
- 6 जनवरी और 5 फरवरी: पटना स्थित विद्युत भवन मुख्यालय-2
1 अप्रैल 2026 से नई दरें हो सकती हैं लागू
आयोग मंजूरी देता है तो नई दरें 1 अप्रैल 2026 से 31 मार्च 2027 तक प्रभावी रहेंगी। प्रस्ताव में 35 पैसे प्रति यूनिट बढ़ोतरी के साथ दो स्लैब हटाकर एक स्लैब लागू करने की सिफारिश भी की गई है, जिससे शहरी उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिल सकती है।
शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को संभावित राहत
वर्तमान में शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए दो स्लैब हैं—
- ₹7.42 प्रति यूनिट
- ₹8.95 प्रति यूनिट
कंपनी ने इन्हें हटाकर एक समान 7.77 रुपए प्रति यूनिट की दर लागू करने का प्रस्ताव दिया है।
इस बदलाव से 125 यूनिट फ्री खपत के बाद ग्राहकों को करीब ₹1.18 प्रति यूनिट की बचत हो सकती है।
उदाहरण के तौर पर, 100 यूनिट खपत पर लगभग ₹118 कम बिल देना पड़ेगा।
व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए भी नई दरें
- शहरी (एनडीएस-2): दो स्लैब (7.73 और 8.93 रुपए) हटाकर एक स्लैब – 8.08 रुपए प्रति यूनिट
- 100 यूनिट से अधिक खपत करने पर 85 पैसे प्रति यूनिट राहत
- ग्रामीण व्यावसायिक: दो स्लैब हटाकर 8.14 रुपए प्रति यूनिट एक दर का प्रस्ताव
ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा भार
ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पहले से ही एक स्लैब लागू है। ऐसे में 35 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी सीधे बिल में जुड़ जाएगी, जिससे उनका बिजली बिल बढ़ना तय है।
100 यूनिट से कम बिजली खर्च करने वाले शहरी और ग्रामीण दुकानदारों पर भी इसका असर पड़ेगा।
अन्य कंपनियों के प्रस्ताव पर भी सुनवाई
- 6 जनवरी:
- बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी
- स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर
- बिहार ग्रिड लिमिटेड
- 23 दिसंबर:
- बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी
इन प्रस्तावों पर भी आयोग अलग-अलग तिथियों में जनसुनवाई करेगा।


